जम्मू। एक सिरिंज में अब दो दवाओं का मिश्रण दिया जाना संभव हो गया है। इससे डायबिटीज और हेमोराइड के रोगियों को कापुी सुविधा रहेगी।
बता दें कि डायबिटीज, हेमोराइड, रूट कैनाल आदि रोगों के इलाज में एक से अधिक दवाइयों का मिश्रण करना पड़ता है। उसके लिए अब मरीज को एक से अधिक बार सिरिंज नहीं लगानी होगी। एक ही सिरिंज में दो तरह की दवाओं का मिश्रण होगा और एक बार में ही मरीज का टीकाकरण हो जाएगा।
मल्टी-ड्रग इंजेक्टर तैयार
गौरतलब है कि आईआईटी जम्मू में हुए इनोवेंशन फैक्ट्री कार्यक्रम में आईआईटी जम्मू की खुशबू राठौड़ और एनआईटी त्रिची के वरुण रावत ने मल्टी-ड्रग इंजेक्टर तैयार किया है। इसमें एक सिरिंज में एक से अधिक दवाइयों का आसानी से मिश्रण हो सकेगा।
एनआईटी त्रिची मैकेनिकल अंतिम वर्ष के छात्र वरुण रावत ने कहा कि ओपीडी, इमरजेंसी वार्ड में एंटीइन्फ्लैमेटोरियो और दर्द निवारक को साथ में देना होता है। इसके लिए उसका अच्छे से मिश्रण होना जरूरी होता है। कई सारी दवाइयां मिलकर एक नई दवा बनाती है। सामान्य सिरिंज में इस तरह का तंत्र नहीं होता है। ऐसे में मल्टी-ड्रग इंजेक्टर काफी उपयोगी होता है।
बेस्ट इंवेंशन का पुरस्कार मिला
ये इंजेक्टर न सिर्फ दो दवाइयों का अच्छे से मिश्रण करेगा बल्कि उतना ही करेगा जितनी जरूरत होगी। मल्टी ड्रग्स इंजेक्टर को नोवेंशन फैक्ट्री कार्यक्रम में बेस्ट इंवेंशन का पुरस्कार मिला और पुरस्कार के रूप में दो लाख रुपये का चेक मिला।
चैंबर से मिलेगी सटीक मिश्रण बनाने में मदद
इंजेक्टर में दो चैंबर लगे हैं। मान लें कि डॉक्टर ने दो अलग-अलग दवाइयों का सॉल्युशन बनाना है और एक दवा का दो एमएल तो दूसरी का चार एमएल लेना है। वर्तमान में डॉक्टर को टेस्ट ट्यूब में मिश्रण करना पड़ता है। मल्टी-ड्रग इंजेक्टर में डोर सेटिंग व्यवस्था है। इसमें दोनों दवाइयों के डोज अलग-अलग तय किए जा सकते हैं। उससे डॉक्टर को काफी आसानी मिलेगी।
सामान्य रूप से दो मिश्रित दवाइयों को लंबे समय तक नहीं रख सकते हैं, लेकिन इंजेक्टर दो दवाइयों को अलग-अलग रखता है। जरूरत पडऩे पर ट्रिगर पिन से दोनों दवाइयों का मिश्रण हो सकेगा। ये सभी सिर्फ यांत्रिक घटक की मदद से होगा और ये इंजेक्टर सामान्य सिरिंज जितना होगा। इसमें कंस्ट्रक चैंबर हैं। इसकी मदद से यह सब संभव होगा।