मुुंबई। एस्पिरिन दवा की निर्माण कंपनी बायर में अब कोई बॉस नहीं रहेगा। उनकी जगह कंपनी में कार्यरत करीब एक लाख कर्मचारी ही काम संभालेंगे।
जर्मन फार्मा एमएनसी बायर के इस फैसले से लोग हैरान हैं। कंपनी ने कर्मचारियों को और अधिक आजादी देने के लिए यह अनूठी पॉलिसी लागू की है। कंपनी का मानना है कि इससे पॉजिटिव बदलाव आएंगे। बताया जा रहा है कि कंपनी का मार्केट शेयर पिछले दो दशक में सबसे कम हो गया है।
पूरा मिडिल मैनेजमेंट हटाने का फैसला
इसके चलते ही कंपनी ने यह बड़ा बदलाव किया है। बायर के सीईओ बिल एंडरसन ने कंपनी से पूरा मिडिल मैनेजमेंट हटाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हम कॉरपोरेट ब्यूरोक्रेसी खत्म करना चाहते हैं। हम कंपनी चलाने की जिम्मेदारी अपने लगभग 1 लाख कर्मचारियों को सौंप रहे हैं। वह खुद को और कंपनी को संभालेंगे। कंपनी के सीईओ को उम्मीद है कि इससे बायर के मैनेजमेंट में और ज्यादा क्रिएटिविटी आएगी।
2.17 अरब डॉलर की बचत भी होगी
बिल एंडरसन के अनुसार मिडिल मैनेजमेंट हटाने से कंपनी को लगभग 2.17 अरब डॉलर की बचत भी होगी। उन्होंने कहा कि हम पढ़े-लिखे और प्रशिक्षित लोगों को नौकरी देते हैं। इसके बाद हम उन्हें नियम-कायदों और आठ लेयर के मैनेजमेंट में धकेल देते हैं। इसलिए नए विचारों को जगह नहीं मिल पा रही है।
कर्मचारी अब खुद लेंगे 95 फीसदी फैसले
बिल एंडरसन ने कहा कि हम बायर में हर नौकरी और प्रक्रिया को अलग तरीके से डिजाइन करेंगे। हमारा फोकस कस्टमर और प्रोडक्ट होंगे। कंपनी से जुड़े लगभग 95 फीसदी फैसलों की जिम्मेदारी कर्मचारियों को मिलेगी। दरअसल, यही लोग काम को अंजाम देते हैं।