नई दिल्ली। कैंसररोधी दवा ओलापारिब टैबलेट को वापस लेने के आदेश जारी किए गए हैं। डीसीजीआई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दवा नियामकों को निर्देश दिया है कि जिन रोगियों को तीन या अधिक बार कीमोथेरेपी दी जा चुकी है, उनके इलाज के लिए एस्ट्राजेनेका की कैंसर-रोधी दवा ओलापारिब टैबलेट को वापस ले लिया जाए।
दवा की मार्केटिंग बंद करने के लिए कहा
भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दवा नियामकों को निर्देश दिया है कि एस्ट्राजेनेका की कैंसर-रोधी दवा ओलापारिब टैबलेट को वापस लें। राज्य नियामकों को दवा के निर्माताओं को प्रतिकूल प्रभावों की संभावना को देखते हुए जीबीआरसीए म्यूटेशन और अंडाशयी कैंसर और स्तन कैंसर वाले रोगियों के इलाज के लिए दवा की मार्केटिंग को बंद करने के लिए कहा गया है।
डीसीजीआई ने कहा कि अन्य अनुमोदित संकेतों के लिए दवा की बिक्री जारी रखी जा सकती है। पत्र में कहा गया कि कंपनी एस्ट्रेजेनेका फार्मा इंडिया लिमिटेड ने उन जीबीआरसीए म्यूटेशन और अंडाशयी कैंसर वाले रोगियों के इलाज में ओलापारिब टैबलेट 100 मिलीग्राम और 150 मिलीग्राम के संकेतों को वापस लेने के लिए उनके पास एक आवेदन भेजा है, जिनका इलाज तीन या उससे अधिक बार पहले कीमोथेरेपी से किया गया है।
एसईसी (ऑन्कोलॉजी) विशेषज्ञों के परामर्श से मामले की समीक्षा बैठक की गई थी। कंपनी ने ओलापारिब टैबलेट के संकेत को वापस लेने के लिए नैदानिक (क्लिनिकल) साक्ष्य पेश किए। अनुरोध किया गया कि अपने क्षेत्र में इस दवा के सभी निर्माताओं को निर्देश दें कि वे ओलापारिब टैबलेट (100 मिलीग्राम और 150 मिलीग्राम) की बिक्री को वापस ले लें। उन अन्य संकेतों के लिए दवा की बिक्री जारी रखी जा सकती है।