गाजियाबाद। कैंसर की दवा नकली मिलने पर इसका निर्माण करने वाले आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज करवाया गया है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कैंसर की नकली दवाई बनाने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया था। इनकी गिरफ्तारी 11 नवंबर 2022 को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने गाजियाबाद औषधि विभाग के साथ मिलकर लोनी के ट्रोनिका सिटी क्षेत्र के एक घर में छापेमारी के दौरान की थी। आरोपी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

औषधि विभाग ने पवित्र नारायण प्रधान और शुभम मुन्ना निवासी नोएडा, पंकज सिंह बोहरा निवासी गंगोलीहाट उत्तराखंड, व अंकित शर्मा निवासी ग्राम गोठरा निवासी बागपत के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज करवाया है। चारों आरोपी फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं।

यह है मामला

दिल्ली क्राइम ब्रांच और औषधि विभाग ने करीब डेढ़ वर्ष पहले लोनी में छापेमारी की थी। यहां दो कमरों के मकान में कैंसर की नकली दवाइयां बनाई जा रही थी। औषधि विभाग ने मकान में बन रही 14 दवाइयों के सैंपल लिए थे और उन्हें जांच के लिए लैब में भेज दिया था। मौके से पकड़े गए चार आरोपियों को क्राइम ब्रांच दिल्ली लेकर चली गई थी।

औषधि निरीक्षक आशुतोष मिश्रा ने बताया कि सैंपलों की जांच, आदेश, नोटिस सहित कई अन्य औपचारिकताएं पूरी करने में करीब डेढ़ वर्ष का समय लग गया। छापेमारी करने के बाद से औषधि विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही थी।

मौके से 14 सैंपल लिए थे। देहरादून में सैंपल की जांच करवाई गई। जांच में कई रिपोर्ट नेगेटिव आई। कुछ दवाइयों में महज पाउडर होने का पता चला। इन दवाइयों की कीमत एक लाख रुपये से ज्यादा थी।

नकली मिली इब्रूटीनिब नामक दवा

जांच रिपोर्ट में इब्रूटीनिब नाम से बन रही दवा पूरी तरह से नकली मिली है। विदेशी कंपनियों के नाम से बनाई जा रही कई दवाईयां भी सब स्टैंडर्ड मिलीं। जांच में पता चला था कि डॉ. पवित्र प्रधान ने मोटा मुनाफा कमाने के लिए नकली दवाओं का कारोबार शुरू किया था।