जयपुर (कैलाश शर्मा) : चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग प्रदेश के समस्त चिकित्सा संस्थानों में पर्यावरण संरक्षण एवं हरियाली में वृद्धि की दृष्टि से ‘‘हरि-वन वृक्षारोपण अभियान’’ चलाएगा। अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह के निर्देश पर संचालित होने वाले इस अभियान के तहत राज्य के चिकित्सा संस्थानों में लगभग एक लाख पौधे लगाए जाएंगे।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने बताया कि चिकित्सा संस्थानों में बेहतर वातावरण, हरियाली, छाया एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से यह महत्वपूर्ण अभियान 1 जुलाई 2024 से 31 जुलाई 2024 तक संचालित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं इससे निचले स्तर के चिकित्सा संस्थानों में 5 तथा इससे उच्चतर चिकित्सा संस्थानों में 10 पौधे लगाए जाएंगे। इस प्रकार प्रदेशभर में करीब एक लाख पौधे लगाए जाएंगे।

फलदार एवं छायादार पौधों का किया चयन

श्रीमती सिंह ने बताया कि अभियान के लिए फलदार एवं छायादार वृक्षों का चयन किया गया है। इनमें नींबू, आंवला, बील, जामुन, अमरूद, अनार, आम, सीताफल, इमली, चीकू, शहतूत, संतरा, नाशपती जैसे फलदार एवं नीम, मीठा नीम, पीपल, बरगद, शीशम, देशी बबूल, गुलमोहर, करंज, सहजन, खेजड़ी जैसे छायादार वृक्ष शामिल हैं।

5 वर्ष तक रख-रखाव की जिम्मेदारी भी तय

निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि पौधों की व्यवस्था वन विभाग, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग, मनरेगा द्वारा लगायी गयी नर्सरी, पंचायती राज संस्थाओं, स्वयं सेवी संस्थाओं एवं दान-दाताओं के माध्यम से की जाएगी। पौधरोपण के बाद उसका 5 वर्ष तक रख-रखाव, पानी पिलाने एवं सुरक्षा की जिम्मेदारी संबंधित संस्थान की ही होगी। लगाए गए पौधों की वृद्धि की भी नियमित समीक्षा की जाएगी। एक अगस्त, 01 नवम्बर 2024 एवं 03 फरवरी 2025 को पौधों की प्रगति से निदेशालय को अवगत कराना होगा।

संयुक्त निदेशक डॉ. सुनील सिंह ने बताया कि अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिए 11 चिकित्सा संस्थानों के हरिवन मित्र को राज्य स्तर पर सम्मानित किया जाएगा।