नई दिल्ली। नई दवा को HIV के इलाज में रामबाण माना गया है। क्लीनिकल टेस्ट में पता चला है कि इस दवा का साल में दो बार इंजेक्शन लेने से एचआईवी संक्रमण से सौ फीसदी सुरक्षा मिल सकती है। यह क्लीनिकल टेस्ट दक्षिण अफ्रीका और युगांडा में व्यापक स्तर पर किया गया है।

इस टेस्ट से पता लगाया गया कि क्या नई रोग-निरोधक दवा ‘लेनकापाविर’ का छह-छह महीने पर इंजेक्शन देने से दो अन्य दवाओं की तुलना में बेहतर लाभ मिलेगा। ये सभी तीन दवाएं ‘प्री-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस’ (रोग निरोधक) दवाएं हैं।

पांच हजार लोगों पर किया टेस्ट

अन्वेषक, चिकित्सक-वैज्ञानिक लिंडा-गेल बेकर ने बताया कि लेनकापाविर और दो अन्य दवाओं की प्रभावकारिता का परीक्षण पांच हजार प्रतिभागियों पर तीन स्थलों और दक्षिण अफ्रीका में 25 स्थलों पर किया गया। उन्होंने बताया कि लेनकापाविर (लेन एलए) एचआईवी कैप्सिड में प्रवेश करता है। कैप्सिड एक प्रोटीन शेल है जो एचआईवी की आनुवंशिक सामग्री और प्रतिकृति के लिए आवश्यक एंजाइमों की रक्षा करता है।

एचआईवी वैज्ञानिकों ने उम्मीद जताई है कि साल में केवल दो बार यह रोकथाम निर्णय लेने से मुश्किलें कम हो सकती हैं। किसी युवती के लिए साल में सिर्फ दो बार इस नई दवा का इंजेक्शन लगवाना उसे एचआईवी से दूर रख सकता है।