नई दिल्ली। पतंजलि भ्रामक विज्ञापन प्रसारित मामले की मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अमानुल्लाह की बेंच ने सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से कहा कि आपकी बहुत गरिमा है। आपने काफी काम किया है।

दोनों के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि हम सार्वजनिक माफी के लिए तैयार हैं, ताकि लोगों को भी जानकारी मिले कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश के पालन को लेकर गंभीर हैं।

जस्टिस कोहली ने बाबा रामदेव से पूछा कि आपने जो कोर्ट के खिलाफ किया है क्या वो सही है? इस पर बाबा रामदेव ने कहा कि हमसे भूल हुई है। उसके लिए हमने बिना शर्त माफी स्वीकार कर ली है। जस्टिस कोहली ने कहा कि यह तो आपके वकील ने कहा है।

हम जानना चाहते हैं कि आपने अंडरटेकिंग के अगले दिन प्रेस कांफ्रेंस क्या सोच कर की। हमारे देश में आयुर्वेद बहुत प्राचीन है। महर्षि चरक के समय से है। आप दूसरी पद्धतियों को बुरा क्यों बताते हैं। क्या एक ही पद्धति रहनी चाहिए। इस बाबा रामदेव ने कहा कि हमने आयुर्वेद पर बहुत रिसर्च किया है। तब जज ने कहा कि यह ठीक है। आप अपने रिसर्च के आधार पर कानूनी आधार पर आगे बढ़ सकते हैं। लेकिन आपने इस कोर्ट की अवहेलना क्यों की?

हमें कानून का ज्ञान कम : बाबा रामेदव 

इस पर बाबा रामेदव ने कहा कि हमें कानून का ज्ञान कम है। हम सिर्फ अपने रिसर्च की जानकारी लोगों को दे रहे थे। कोर्ट की अवहेलना का उद्देश्य नहीं था। जस्टिस अमानुल्लाह ने कहा कि आपको एलोपैथी को बुरा कहने की ज़रूरत नहीं थी।

अगली सुनवाई 23 अप्रैल को

बाबा रामदेव और बालकृष्ण के वकील रोहतगी ने कहा कि 1 सप्ताह का समय दीजिए। इस बीच हम ज़रूरी कदम उठाएंगे। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि ठीक है। हम 23 अप्रैल को सुनवाई करेंगे।