जोधपुर। ब्लड प्रेशर की दवा नेफ्रोनिल को डायबिटिक यानि शुगर (मधुमेह) से पीडि़त रोगियों के लिए लाभकारी पाया गया है। नेफ्रोनिल डायबिटीज रोगियों की आंखों की रोशनी को कम होने से बचाती है।
नए शोध में खुलासा
यह खुलासा जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग की ओर से एम्स जोधपुर के साथ मिलकर किए गए नए शोध में हुआ है। शोधकर्ताओं ने डायबिटीज से ग्रसित चूहों पर यह प्रयोग किए। इसके अच्छे परिणाम मिलने पर अब डॉक्टर नेफ्रोनिल का उपयोग रोगियों पर कर सकेंगे।
पुरानी दवा है नेफ्रोनिल
गौरतलब है कि यह शोध जेएनवीयू के प्राणी शास्त्र विभाग के डॉ. हीराराम, एम्स बायोकेमेस्ट्री विभाग के धर्मवीर यादव सहित अन्य शोधकर्ताओं ने किया है। इसे अमरीका के विले पब्लिकेशन ने अपने जर्नल बायोटेक्नोलॉजी एण्ड एप्लायड बायोकेमेस्ट्री में प्रकाशित किया है। बता दें कि नेफ्रोनिल ब्लड प्रेशर में काम आने वाली पुरानी दवा है। आजकल इस दवा का प्रयोग डॉक्टर कम ही करते हैं।
डायबिटीज को बढऩे नहीं देती यह दवा
डायबिटिक मरीजों की आंखों में रेटिना की रक्त वाहिकाएं फट जाती हैं और धीरे-धीरे रोशनी चली जाती है। रेटिनोपैथी के लिए तीन एंजाइम जिम्मेदार हैं। एल्डोलेज रिडक्टेज ग्लूकोज बढ़ाता है। एसीई-2 एंजाइम रक्त वाहिकाओं पर केपेलरी प्रेशर बढ़ाता है। डीपीपी-4 इंसुलिन का स्राव रोकता है।
नेफ्रोनिल तीनों एंजाइमों को बाधित कर देती है। इससे आंखें स्वस्थ रहती हैं। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर में प्राणीशास्त्र विभाग के डॉ. हीराराम का कहना है कि उम्र के साथ डायबिटीक मरीजों को सर्वाधिक परेशानी इस बीमारी के कारण होने वाली अन्य बीमारियों से होती है। नेफ्रोनिल आंखों की रोशनी बनाए रखने में बेहतर साबित हुई है।