हैदराबाद। भारत बायोटेक ने 18 साल से कम उम्र के बच्चों को लगाई जाने वाली कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण के आंकडें केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ] के यहां जमा करा दिए हैं। कंपनी सूत्रों ने बताया कि इस वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी के लिए ये आंकडें जमा कराए गए हैं।
दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर ने मंगलवार को कहा कि उसे भारतीय दवा नियामक से अपनी दो डोज वाली कोरोना रोधी वैक्सीन जायकोव-डी के तीसरे चरण के ट्रायल करने की मंजूरी मिल गई है। कंपनी ने तीन डोज वाली जायकोव-डी भी तैयार की है, जिसके भारत के दवा महानियंत्रक (डीसीजीआइ) से इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। यह 12 साल से अधिक उम्र के बच्चों और वयस्कों को लगाई जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने दो से 18 साल की उम्र तक के बच्चों पर कोवैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण का क्लीनिकल परीक्षण किया है। कंपनी के सूत्रों ने बुधवार कहा, ‘सीडीएससीओ को 18 वर्ष आयु वर्ग के लिए कोवैक्सीन क्लीनिकल परीक्षण डाटा प्रस्तुत किया गया है। यह निर्माण प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और वयस्कों में चरण 1, 2 और 3 क्लीनिकल परीक्षणों से अनुभवजन्य साक्ष्य के कारण संभव है।’
बता दें कि डब्ल्यूएचओ की रणनीतिक टीकाकरण विशेषज्ञ दल परामर्शदात्री (एसएजीई) ने ईयूएल पर अपनी सिफारिशें देने एवं अन्य विषयों पर चर्चा करने के लिए मंगलवार को बैठक की थी। डब्ल्यूएचओ ने अपने ट्वीट में कहा, ‘कोवैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक लगातार डब्ल्यूएचओ को आंकड़े सौंप रही है और डब्ल्यूएचओ के अनुरोध पर 27 सितंबर को उसने अतिरिक्त सूचनाएं भी सौंपी। डब्ल्यूएचओ के विशेषज्ञ फिलहाल इस सूचना की समीक्षा कर रहे हैं और यदि वह सभी चिंताओं का हल करता हैं तो डब्ल्यूएचओ मूल्यांकन अगले सप्ताह अंतिम रूप से हो जाएगा।’
बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन भारत बायोटेक के कोरोना रोधी टीके कोवैक्सीन के लिए आपात उपयोग सूचीबद्धता (ईओएल) दर्जा मंजूर करने के बारे में अगले सप्ताह अंतिम फैसला करेगा। जारी किए गए ट्वीट में कहा, ‘डब्ल्यूएचओ और विशेषज्ञों का एक स्वतंत्र समूह इस बात को लेकर जोखिम/मूल्यांकन करने और अंतिम फैसला करने के लिए अगले सप्ताह बैठक करेंगे कि क्या कोवैक्सीन के लिए आपात उपयोग सूचीबद्धता मंजूर की जाए।’