मुंबई। जल्द ही अस्पताल कंपनियों मणिपाल हॉस्पिटल्स और मेडिका सिनर्जी का विलय होने जा रहा है। विलय के बाद दोनों अस्पतालों को मणिपाल ब्रांड के तहत संचालित किया जा सकेगा। इससे देश में सबसे बड़ी अस्पताल चेन बन जाएगी।
गौरतलब है कि मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज (मणिपाल हॉस्पिटल्स) के देशभर में 33 अस्पताल हैं, जिनमें 9,500 बेड की क्षमता है। वहीं, मेडिका की उपस्थिति 1,200 बेड के साथ पूर्वी भारत में है। इन दोनों अस्पताल कंपनियां अपने विस्तार पर जोर दे रही है। मणिपाल हॉस्पिटल्स ने अगले 18-36 महीनों में अन्य 1,200 बेड, मेडिका ने अगले दो-तीन साल में अन्य 450-500 बेड जोडऩे की योजना बनाई है। सूत्रों का कहना है कि दोनों अस्पताल श्रृंखलाएं विदेशी कंपनी टेमासेक द्वारा समर्थित हैं। टेमासेक की मणिपाल और मेडिका में बड़ी हिस्सेदारी है। मणिपाल में टेमासेक की करीब 59 प्रतिशत, जबकि मेडिका में 90 प्रतिशत हिस्सेदारी बताई गई है।
बताया गया है कि दोनों अस्पतालों में विलय पर अगले कुछ महीनों में अमल शुरू हो जाएगा। इससे अपोलो हॉस्पिटल्स एंटरप्राइजेज को पीछे छोड़ते हुए मणिपाल पूरे देश में सबसे बड़ी कॉरपोरेट हॉस्पिटल चेन बन जाएगी। इससे अस्पताल समूहों को आपूर्ति श्रृंखा में आपसी तालमेल बढ़ाने, क्षेत्रीय विस्तार योजनाओं में भागीदारी करने और परिचालन दक्षता में सुधार लाने में मदद मिलेगी।
बता दें कि मेडिका और मणिपाल दोनों अस्पतालों की पूर्वी भारतीय क्षेत्र में बेहतर उपस्थिति है। मेडिका की कोलकाता, सिलीगुड़ी, रांची में मौजूदगी है और वह आसनसोल में एक कैंसर अस्पताल बना रही है। कोलकाता में मेडिका करीब 600 बेड के साथ परिचालन करती है और उसने अपने सिलीगुड़ी अस्पताल की क्षमता बढ़ाने पर जोर दिया है।
मेडिका के सह-संस्थापक एवं संयुक्त प्रबंध निदेशक अयानाभ देबगुप्ता के अनुसार वे कैंसर-देखभाल चिकित्सा पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। कैंसर-देखभाल में अक्सर ज्यादा बेड की जरूरत नहीं होती है। वे आसनसोल में एक अस्पताल भी बना रहे हैं। इसके अलावा, गुवाहाटी और वाराणसी जैसे स्थानों पर भी संभावनाएं तलाश रहे हैं। उघर, मणिपाल हॉस्पिटल्स ने इमामी समूह के स्वामित्व वाले एएमआरआई हॉस्पिटल्स का सितंबर में 2,300 करोड़ रुपये में अधिग्रहण कर 1,200 बेड क्षमता जोड़ी है।