नई दिल्ली। आईआईटी दिल्ली की महिला वैज्ञानिकों की एक टीम ने आंखों के फंगल संक्रमण केराटाइटिस के लिए एक खास दवा तैयार की है। आंखाें का यह संक्रमण ज्यादातर लोगों में खेतों में काम करते वक्त होता है। नई दवा दवा पेपटाइड आधारित नैटामाइसिन पेनेट्रेशन उपचार विधि में इस्तेमाल होगी। कुसुमा स्कूल ऑफ बॉयोलॉजिकल साइंसेज की प्रोफेसर अर्चना चुक के नेतृत्व में बनी इस दवा ने लैब के परीक्षण में प्रभावशाली परिणाम दिखाये हैं।

आईआईटी दिल्ली की ओर से जारी जानकारी के मुताबिक, देश की बड़ी आबादी कृषि क्षेत्र में काम करती है और इसे खेती करते वक्त इस संक्रमण का खतरा बना रहता है। यह संक्रमण कई बार आंख के कोरनिया तक पहुंचता है जो बहुत घातक होता है और आंख की रोशनी भी चली जाती है।

डब्ल्यूएचओ ने विकासशील देशों में इस संक्रमण से अंधेपन पर चिंता भी जताई है। यही नहीं लांसेट की रिपोर्ट के मुताबिक एक लाख आबादी में सबसे अधिक मामले दक्षिणी एशिया में पाये जाते हैं जिनमें 50 फीसदी से अधिक अकेले भारत में मिलते हैं। आईआईटी दिल्ली के मुताबिक उनकी दवा बाजार में उपलब्ध दवाओं के मुकाबले अधिक प्रभावशाली है।