नई दिल्ली। मां का दूध बच्चे के लिए बेहद फायदेमंद माना गया है। दरअसल, स्तन का दूध न केवल बच्चे को उसकी ज़रूरत के सभी पोषक तत्व देता है, बल्कि यह एंजाइम और एंटीबॉडी जैसे जरूरी तत्व भी प्रदान करता है।

वल्र्ड ब्रेस्ट फीडिंग वीक

हर साल 1 से 7 अगस्त तक दुनियाभर में स्तनपान दिवस मनाया जाता है। यह दिन माताओं को सशक्त बनाने, शिशु के लिए स्तनपान का महत्व बताता है और जागरुकता बढ़ाने वाली सहायक नीतियों को बढ़ावा देता है।
बता दें कि यूनिसेफ और डब्ल्यूएचओ ने माताओं तथा शिशुओं के जीवित रहने तथा फलने-फूलने के अधिकारों की रक्षा के लिए स्तनपान सहायता में सुधार की जरूरत पर जोर दिया है।

बच्चे को स्तनपान कराने के ये हैं फायदे

स्तन का दूध न केवल शिशुओं को उनकी जरूरत के सभी पोषक तत्व प्रदान करता है और यह एंजाइम और एंटीबॉडी जैसे आवश्यक तत्व भी प्रदान करता है।

स्तनपान में वह सब कुछ होता है जो शिशु को जीवन के पहले 6 महीनों में चाहिए। सभी सही अनुपात में।
बच्चे के जन्म के बाद शुरुआती दिनों में मां के स्तनों से कोलोस्ट्रम नामक गाढ़ा और पीला तरल पदार्थ निकलता है। इसमें प्रोटीन अधिक होता है, चीनी कम होती है और यह लाभकारी यौगिकों से भरा होता है।

कोलोस्ट्रम आदर्श पहला दूध है और नवजात शिशु के अपरिपक्व पाचन तंत्र को विकसित करने में मदद करता है। पहले कुछ दिनों के बाद, जैसे-जैसे शिशु का पेट बढ़ता है, स्तन अधिक मात्रा में दूध का उत्पादन करना शुरू कर देते हैं।

ब्रेस्टफीडिंग कराने से मां को भी फायदा

विशेषज्ञों के अनुसार जो माताएं स्तनपान कराती हैं उनमें स्तन कैंसर होने का खतरा कम होता है। स्तनपान कराने से असामान्य कोशिका वृद्धि का जोखिम कम रहता है जोकि कैंसर का कारण बन सकता है।

जब एक मां स्तनपान कराती है, तो उसके शरीर में ऑक्सीटोसिन का स्त्राव होता है। यह दो महत्वपूर्ण उद्देश्यों को पूरा करता है। यह मां और बच्चे के बीच इमोशनल बॉन्ड को बढ़ाते हैं। वहीं, गर्भाशय को गर्भावस्था से पहले के आकार में लौटने में मदद मिलती है।

स्तनपान प्रसव के बाद बढ़े हुए वजन को कंट्रोल करने में मदद करता है। असल में जब एक मां स्तनपान कराती है, तो उसका शरीर दूध उत्पादन करने के लिए अतिरिक्त ऊर्जा और कैलोरी खर्च करता है।