ग्वालियर। सरकारी अस्पताल जेएएच (जया आरोग्य हॉस्पिटल ग्रुप) में खून की दलाली करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। इस रैकेट के दो सदस्यों को पकड़ा गया है। पता चला है कि ये दोनों आरोपी गम्भीर मरीज को ब्लड देने के नाम पर मनमाने पैसे ऐंठते थे। इस मामले में ब्लड बैंक के कर्मचारियों ने इन भाड़े के ब्लड डोनर को पकड़कर वीडियो भी बनाया फिर पुलिस के हवाले कर दिया।

ऐसे आया मामला पकड़ में

जेएएच परिसर के कमलाराजा हॉस्पिटल बच्चों के वार्ड में उत्तर प्रदेश के महोबा निवासी कृष्ण कुमार की 7 माह की बेटी इलाज के लिए भर्ती है। उसका ऑपरेशन होना था। उसके लिए अचानक ब्लड की जरूरत हुई। परिजन घबरा गए क्योंकि यहां उनका कोई रिश्तेदार या परिचित भी नहीं था।

एजेंट ने बुलाए फर्जी ब्लड डोनर

इस बात का पता चलने पर एजेंट अनिल ने कॉल करके निम्बाजी की खोह निवासी 30 साल के मोहम्मद जावेद को ब्लड डोनेट करने के लिए बुलाया। जावेद अपने साथ छोटे सिंह (38 साल) निवासी पुरानी छावनी को भी लाया। दोनों जेएएच के ब्लड बैंक में पहुंचे।

यहां दोनों की काउंसलिंग की गई। उस दौरान उनसे बच्ची के बारे में पूछा गया तो वे कुछ भी नहीं बता पाए। इससे उन पर शक हुआ। उन्होंने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे एजेंट के माध्यम से पैसे लेकर ब्लड देने आए हैं। जेएएच प्रबन्धन ने दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया।

रैकेट का मास्टामाइंड पकड़ से बाहर

सरकारी अस्पताल

गिरफ्तार फर्जी ब्लड डोनर छोटे सिंह और जावेद खान ने कबूल किया कि वे अक्सर जरूरतमंद मरीजों के परिजनों को खून देने आते हैं, जिनको खून की सख्त जरूरत होती है। वे मनमाने दामों पर अपना खून बेचते हैं। बताया गया है कि इस गिरोह का मास्टरमाइंड अनिल तोमर अभी पुलिस पकड़ से बाहर है। पुलिस मास्टरमाइंड की में जुटी है।