हैदराबाद। हेपेटाइटिस ए वैक्सीन का देश का पहला स्वदेशी रूप ‘हेविश्योर’ लांच कर दिया गया है। इसे वैक्सीन निर्माता कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स (आईआईएल) ने हैदराबाद मे लॉन्च किया। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) की सहायक कंपनी ने कहा कि वैक्सीन हेविश्योर हेपेटाइटिस ए के खिलाफ भारत की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है और यह सार्वजनिक स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए तैयार है।
500 स्वस्थ स्वयंसेवकों पर किया परीक्षण
बता दें कि वर्तमान में, हेपेटाइटिस ए के टीके भारत द्वारा आयात किए जाते हैं। आईआईएल के प्रबंध निदेशक के. आनंद कुमार ने कहा कि टीका हेविश्योर को आठ साल तक शोध के बाद लांच किया गया है। यह आत्मनिर्भर भारत का सही अर्थ है। इसे जानवरों में प्री-क्लिनिकल टॉक्सिकोलॉजी अध्ययन, मनुष्यों में चरण 2 परीक्षण से लेकर विभिन्न आयु समूहों के लगभग 500 स्वस्थ स्वयंसेवकों को शामिल किया गया।
प्रति वर्ष 1 मिलियन खुराक बनाने की योजना
इसे आठ केंद्रों में चरण 2/3 परीक्षणों तक व्यापक अध्ययन के बाद शुरू किया जा रहा था। उन्होंने बताया कि हमने जीएसके वैक्सीन के साथ तुलना करते हुए एक गैर-हीन अध्ययन भी किया। इसमें हमारा टीका बहुत तुलनीय पाया गया। हैविश्योर का निर्माण हैदराबाद स्थित गाचीबोवली प्लांट में किया जाएगा। उन्होंने विकास लागत को साझा करने से इनकार किया। उन्होंने बताया कि शुरुआत में हमारा ध्यान घरेलू बाजार पर केंद्रित है। देश की आत्मनिर्भरता महत्वपूर्ण है। हमारी प्रति वर्ष 1 मिलियन खुराक बनाने की योजना है। भारत में हमारा वितरण नेटवर्क है। हम 50 देशों को टीके निर्यात भी करते हैं। (हेपेटाइटिस ए वैक्सीन) का निर्यात विदेश के कई बाज़ारों में भी करेंगे।
प्रति खुराक कुल 2,150 रुपये होगी कीमत
श्री कुमार ने बताया कि वैक्सीन की एमआरपी 2,150 रुपये प्रति खुराक रखी गई है। यह दो खुराक वाला टीका है। पहली खुराक 12 महीने से ऊपर की उम्र में दी जाती है। दूसरी कम से कम छह महीने बाद दी जाती है। नियमित टीकाकरण के हिस्से के रूप में बच्चों के लिए और साथ ही उच्च हेपेटाइटिस ए प्रसार वाले क्षेत्रों की यात्रा या जोखिम के जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए टीके की सिफारिश की जाती है। इसके अलावा व्यावसायिक रूप से संक्रमण के जोखिम वाले और पुरानी जिगर के रोगों से पीडि़त लोगों को भी हेपेटाइटिस ए टीकाकरण की जरूरत होती है।
ये है रोग फैलने का कारण
हेपेटाइटिस ए मुख्य रूप से मल-मौखिक मार्ग से फैलता है। इसका अर्थ है कि यह दूषित भोजन या पानी के सेवन से फैलता है। एक अत्यधिक संक्रामक वायरल संक्रमण है। हेविश्योर एक ही वर्ष में आईआईएल द्वारा लॉन्च किया गया तीसरा टीका है। खसरा और रूबेला वैक्सीन के साथ-साथ टीडी वैक्सीन अन्य दो हैं।