फेफड़ों के ट्रांसप्लांट की सुविधा जल्द  

नई दिल्ली। एम्स में लंग्स ट्रांसप्लांट सर्जरी इसी साल शुरू हो जाएगी। पांच साल पहले एम्स ने लंग्स ट्रांसप्लांट के लिए लाइसेंस लिया था, लेकिन सर्जरी की जटिलता को देखते हुए इसे शुरू नहीं किया जा सका। एम्स के कार्डिएक विभाग के डॉक्टर संदीप सेठ ने बताया कि चेन्नई से डॉक्टरों की टीम एम्स में और एम्स के डॉक्टर चेन्नई का विजिट कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम एक के बाद एक हार्ट ट्रांसप्लांट कर नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। अब इस दिशा में आगे बढ़ते हुए लंग्स ट्रांसप्लांट करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमारे हार्ट सर्जन इसके लिए तैयार है। इस साल के अंत तक एम्स में भी लंग्स ट्रांसप्लांट शुरू कर दिया जाएगा।

इस बारे में ऑर्गन रिट्राइवल बैंकिंग ऑर्गेनाइजेशन (ह्रक्रक्चह्र) की चीफ आरती विज ने कहा कि लंग्स ट्रांसप्लांट में लंग्स डिपार्टमेंट का अहम रोल होता है, इसलिए हम इसके लिए डेडिकेटेड टीम बना रहे हैं, जिसमें सर्जन, लंग्स और कार्डियॉलजी के डॉक्टर होंगे। हार्ट ट्रांसप्लांट की तुलना में लंग्स ट्रांसप्लांट पर तीन से चार गुणा अधिक खर्च होता है और हार्ट ट्रांसप्लांट की तुलना में जटिल भी है। हालांकि खर्च मायने नहीं रखता है, ट्रांसप्लांट की सफलता मायने रखती है, इसलिए फुलप्रुफ सिस्टम बनाया जा रहा है। ट्रांसप्लांट के बाद मरीजों को बेहतर फॉलोअप और रिकवरी के लिए आईसीयू में तैनात होने वाली नर्सों को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि ऐसे मरीजों की सूची तैयार की जा रही है जिन्हें लंग्स ट्रांसप्लांट की जरूरत है। गौरतलब है कि दिल्ली के किसी भी अस्पताल में लंग्स ट्रांसप्लांट नहीं होता है। एम्स दिल्ली का पहला लंग्स ट्रांसप्लांट करने वाला अस्पताल होगा।

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