एम्स में मुफ्त का फंडा, ‘दलालों’ पर पड़ेगा डंडा

नए वर्ष से आधार नंबर पर होगा एम्स में पंजीकरण, 15 रुपए तक शुल्क वाले सभी जांच होंगे मुफ्त, बिना आधार नंबर के 10 रुपए के बजाए सौ रुपए देने होंगे, बीपीएल मरीजों का फ्री बनेगा ओपीडी कार्ड 

नई दिल्ली। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में अब बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) मरीजों को ओपीडी कार्ड बनवाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। उन्हें बस अपने आधार नंबर से पंजीकरण कराना होगा। यह सुविधा उन्हें नए साल से मिलने जा रही है। इस संबंध में एम्स के कंप्यूटरीकृत विभाग के चेयरमैन डॉ. दीपक अग्रवाल ने बताया कि बीपीएल मरीजों को सुविधा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए गए हैं। अस्पताल में ईसीजी सहित कई जांचों के लिए 10-15 रुपये शुल्क तय था। अब ये सभी जांच मुफ्त कर दिए गए हैं। वर्तमान में ओपीडी में इलाज के लिए 10 रुपये पंजीकरण शुल्क लगता है। मरीज ऑनलाइन या अस्पताल पहुंचकर अपना पंजीकरण कर सकते हैं। आधार नंबर नहीं होने पर मरीज को 10 रुपये के बजाय पंजीकरण के लिए 100 रुपये देने होंगे।  ज्यादातर मरीज पंजीकरण के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल नहीं करते। पंजीकरण के दौरान हर मरीज को संस्थान की ओर से एक विशेष पहचान नंबर दिया जाता है। 20 फीसद मरीज पांच से छह बार अपना पंजीकरण करा चुके होते हैं। पंजीकरण को आधार नंबर से जोडऩे पर यह समस्या दूर हो जाएगी। एक बार आधार नंबर से जुडऩे के बाद मरीजों को अस्पताल में बार-बार पंजीकरण कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एम्स ने मरीजों को आधार नंबर से जोडऩे की स्वीकृति केंद्र सरकार से मांगी थी। सरकार ने जवाब दिया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार कार्ड जरूरी कर किसी को सेवा देने से इनकार नहीं किया जा सकता।
कैशलेस इलाज के लिए पीओएस मशीनें लगेंगी
एम्स ने नोटबंदी के बाद कैशलेस इलाज के लिए कई कदम उठाए हैं। वर्तमान में पांच कार्ड स्वाइप मशीनें, 250 ई-कियोस्क व ऑनलाइन भुगतान की सुविधा है। साथ ही एम्स और 100 पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनें लगाएगा। ताकि मरीज आसानी से कैशलेस भुगतान कर सकेंगे। इसके अलावा नए साल में एम्स के मुख्य अस्पताल सहित सभी सेंटरों में कैशलेस कार्ड की शुरुआत की जाएगी। आरपी सेंटर में करीब एक साल से कैशलेस कार्ड का ट्रायल चल रहा है। इस कार्ड में एक चिप लगी होती है।
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