अब घर पर मिलेगी आईसीयू की सुविधा 

बेंगलूरु। घर पर स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी पोर्टिया मेडिकल ने अपनी सेवाओं में विस्तार किया है। अब वह विशेष तथा जटिल चिकित्सकीय सहायताओं के लिए भी घर पर सुविधाएं उपलब्ध करा रही है। इन सेवाओं में गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए जीवनरक्षक सेवाएं भी शामिल हैं। भारत में गंभीर बीमारियों की चिकित्सकीय सेवा का बाजार 50 करोड़ डॉलर का है। कंपनी को एस्सेल, क्वॉलकॉम वेंचर्स और सबर पार्टनर्स जैसे निवेशकों से वित्तीय सहायता मिली है और वह निकट भविष्य में घर पर कीमोथेरेपी तथा डायलसिस की सुविधाएं उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।
पोर्टिया मेडिकल की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी मीना गणेश कहती हैं कि जटिल बीमारियों से ग्रसित कई ऐसे मरीज होते हैं जो बहुत अधिक हस्तक्षेप नहीं चाहते। उन्हें बस यह चाहिए कि कोई उनकी देखरेख करे और स्थिर रखे। ऐसे मामलों में अस्पताल में रहने से मरीज, उसके परिवार और अस्पताल, तीनों को ही अधिक लाभ नहीं होता। इसलिए बेहतर होता है कि मरीज घर आकर जल्दी स्वस्थ होने का प्रयास करे। कंपनी का कहना है कि गंभीर बीमारियों के लिए घर पर स्वास्थ्य सेवाएं लेने से कुल खर्च में एक तिहाई से लेकर पांचवे हिस्से तक की कमी आ जाती है। उदाहरण के लिए अस्पताल में गंभीर बीमारी के लिए आईसीयू की लागत 30,000-50,000 रुपये रोजाना आती है और वही सुविधा घर पर उपलब्ध कराने में उन्हें 6,500-12,000 रुपये रोजाना खर्च करने होंगे। गणेश कहती हैं कि वित्तीय लाभ के अलावा कंपनी यह भी सुनिश्चित करती है कि मरीज को संक्रमण की संभावना न्यूनतम हो और उसे अच्छी नींद, घूमने-फिरने की जगह और निजी समय भी दिया जाए।
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