कैंसर दवा के लिए ल्यूपिन ने किया अमेरिकी कंपनी से करार

मुंबई। घरेलू दवा कंपनी ल्यूपिन ने कैंसर की अपनी एक नई दवा के विकास और उसके व्यावसायिक कारोबार के लिए अमेरिकी कंपनी एबवी के साथ साझेदारी की है। इसमें 1 अरब डॉलर से ज्यादा फीस, रॉयल्टी आदि अर्जित होने की संभावना है। ल्यूपिन ने कहा कि विकास के चरण वाली दवा रक्त कैंसर के इलाज के लिए अपनी तरह की पहली दवा होगी। कंपनी को उम्मीद है कि उसे इस दवा के लिए नियामक से मंजूरी जल्द मिलेगी, जो मरीजों की जरूरतें पूरी करेगी। एबवी के साथ समझौते के तहत कंपनी ल्यूपिन को दवा के एक्सक्लूसिव लाइसेंस के लिए 3 करोड़ डॉलर का अग्रिम भुगतान करेगी। नियामकीय मंजूरी और वाणिज्यिक कारोबार कामयाबी से पूरा होने के बाद ल्यूपिन 94.7 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त भुगतान की पात्र होगी। इसके अतिरिक्त कंपनी इसकी बिक्री पर दो अंकों में रॉयल्टी की हकदार होगी और भारत में इस दवा का वाणिज्यिक अधिकार बनाए रखेगी। यह भुगतान हालांकि कार्यक्रम की सफलता से जुड़ी होती है।

ल्यूपिन के अध्यक्ष (नॉवेल ड्रग डिस्कवरी ऐंड डेवलपमेंट प्रोग्राम) डॉ. राज कंबोज ने कहा कि यह अपनी तरह की पहली दवा खोज कार्यक्रम है, जिसकी डिलिवरी ल्यूपिन अवधारणा से लेकर दवा की खोज व विकास के विभिन्न चरणों के जरिए कर रही है। विकास के चरण वाली दवा माल्ट-1  है और यह अभी प्री-क्लिनिकल के चरण में है। ल्यूपिन ने इसकी मंजूरी की अनुमानित समयसीमा के बारे में जानकारी नहीं दी और कहा कि इसकी चर्चा एबवी के साथ की जाएगी। यह ल्यूपिन का पहला नोवेल मॉलिक्यूल भी है और इसे पुणे में शोध टीम ने विकसित किया है। इसकी समकक्ष कंपनियों में ग्लेनमार्क ने विकास के चरण वाली दवा का लाइसेंस माइलस्टोन आधारित भुगतान के बदले किया है। हालांकि अभी तक इसकी कोई भी नोवेल मॉलिक्यूल का वाणिज्यिकरण नहीं हुआ है।
नोवार्टिस और एस्ट्रा जेनेका समेत कई वैश्विक दवा कंपनियां भी रक्त कैंसर की दवा विकसित करने में निवेश कर रही हैं। ल्यूपिन के कंबोज को हालांकि भरोसा है कि उनका कार्यक्रम सफल होगा। उन्होंने कहा कि माल्ट-1 में कई तरह से इलाज की क्षमता है और कहा कि कंपनी को रक्त कैंसर के इलाज की दवा विकसित करने में अग्रणी स्थिति हासिल हो गई है।

इस दवा का वैश्विक बाजार करीब 80 अरब डॉलर का है। ल्यूपिन के प्रबंध निदेशक नीलेश गुप्ता ने कहा कि कंपनी के पास विकास के चरण वाली दो और दवा है, जिसका अभी ट्रायल हो रहा है। इनमें से एक है स्मॉल सेल लंग कैंसर के इलाज की दवा और दूसरा है क्रॉनिक किडनी के इलाज की दवा। गुप्ता ने कहा कि कंपनी अपनी बिक्री का 10 फीसदी शोध व विकास पर खर्च करती रहेगी और कंपनी का ध्यान कॉम्पलेक्स व स्पेशियलिटी दवाओं का पोर्टफोलियो बनाने पर रहेगा। नई दवा की डिलिवरी ल्यूपिन के संस्थापक डॉ. देशबंधु गुप्ता के विजन की अहम कड़ी रही है। हम उनके नई दवा विकसित करने के उनके विजन को धरातल पर उतारने में गर्व महसूस कर रहे हैं, जिसकी मरीजों को दरकार है। एबवी के साथ साझेदारी के साथ हम खुश हैं, जिसने उन इलाकों में उच्च गुणवत्ता वाली दवाओं की डिलिवरी की प्रतिबद्धता जताई है, जहां मंजूरी वाली दवा का अभाव है और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को इसकी दरकार है।

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