पीजीआई: मरने के बाद मिलेगी ‘जन्नत’

गोवा की तर्ज पर पीजीआई रोहतक में बनेगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का शवगृह
 
रोहतक: राज्य का एकमात्र सरकारी चिकित्सा संस्थान पीजीआई रोहतक अक्सर मरीजों के इलाज में लापरवाही बरतने के लिए चर्चा में रहता है। हेल्थ मिनिस्टर अनिल विज ने तो एक बार इसे लावारिस संस्थान की संज्ञा दे दी थी। जानकारों का कहना है कि यहां डॉक्टर, दवा और जरूरी उपकरणों की कमी है। हरियाणा ही नहीं साथ लगते प्रदेशों से भी मरीज काफी तदाद में यहां इलाज के लिए आते हैं। अब सरकार यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का शवगृह बनाने जा रही है।  सरकार ने इसके लिए 20 करोड़ रुपये का बजट भी मंजूर कर  दिया है। अब शवगृह में सड़ांध नहीं होगी तथा शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों और स्टाफ को संक्रमण से भी बचाया जा सकेगा।
पीजीआई रोहतक के फॉरेंसिक विभाग के अध्यक्ष तथा प्रोजेक्ट के नोडल अधिकारी डॉक्टर एस.के. धत्तरवाल के अनुसार इस योजना पर तेजी से काम चल रहा है। हेल्थ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. ओ.पी कालरा, प्रो वाइस चांसलर डॉ. वी.के. जैन और  पीजीआई डायरेक्टर डॉ. राकेश गुप्ता इसे सिरे चढ़ाने के लिए ‘होमवर्क कंपलीट’ करने में जुटे हैं ताकि पहले की तरह इस बार भी सरकार द्वारा मंजूर बजट लैप्स न हो जाए। क्योंकि वित्त वर्ष के दौरान प्रोजेक्ट के टेंडर जारी नहीं किए जाएं तो बजट लैप्स हो जाता है। पता चला है कि प्रस्तावित शवगृह गोवा के बाद देश में अपनी तरह का दूसरा अंतरराष्ट्रीय शवगृह होगा। पचास वर्ष पुराने मौजूद शवगृह के ताजा हालातखस्ता हैं।  इस कारण काम कर रहे डॉक्टरों तथा स्टाफ के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। प्रोजेक्ट को लेकर अधिकारियों की कई बैठकें हो चुकी हंै। सूत्रों के अनुसार प्रोजेक्ट के लिए सरकार पिछले कई वर्ष से फंड मंजूर कररही है लेकिन हर बार फंड लैप्स हो जाता था। इस बार हेल्थ यूनिवर्सिटी तथा पीजीआई से जुड़े अधिकारी  चुस्ती के साथ इस दिशा में साझा प्रयास कर रहे हैं।
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