किराने की दुकान पर बिक रही दर्द की दवा 

जोधपुर। शहर में किराना और डेयरी प्रोडक्ट की दुकानों पर घुटने और गठिया के दर्द के शर्तिया इलाज के नाम पर दवा की पुडिय़ा बेचे जाने का मामला सामने आया है। कुछ दुकानों पर 120 रुपए में 14 पुडिय़ा के पैकेट बेचे जा रहे हैं। खास बात यह है कि इसे आयुर्वेद की दवा बताया जा रहा है। पावटा क्षेत्र में दर्द निवारक पुडिय़ा बेचने वाले एक दुकानदार ने कहा कि उसकी दादी के घुटने में दर्द था तो वह कृषि उपज मंडी से दवा खरीद कर लाया। दादी का दर्द ठीक हुआ तो वह भी यह पुडिय़ा बेचने लगा। चौकाने वाली बात यह है कि किराना, डेयरी प्रोडक्ट और जनरल स्टोर वालों के पास आयुर्वेद की दवा बेचने का लाइसेंस नहीं है। दवा की पुडिय़ा पर अलग-अलग औषधि की मात्रा लिखी है। एक पुडिय़ा का पाऊडर सुबह-शाम दूध के साथ सेवन करने की विधि लिखी है। लेकिन पुडिय़ा पर इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि औषधि कहां बनाई गई, कौन निर्माता है या कहां से आयातित की गई है।

वरिष्ठ आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी वैद्य गोपाल नारायण शर्मा के अनुसार पुडिय़ा पर जिन औषधियों के नाम लिखे हैं, उनमें से कोई औषधि कथित दवा में नहीं है। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में ऐसी कोई औषधि नहीं होती, जिसकी एक खुराक लेते ही दर्द मिट जाए। आयुर्वेद की दवा का रंग और गंध अलग होता है। उन्होंने आशंका जताई कि पुडिय़ा में दर्द निवारक ऐलोपैथी गोलियों का मिश्रित पाऊडर हो सकता है। ऐसी दर्द निवारक दवा का 14 दिन तक सेवन करने से दर्द तो कम हो सकता है लेकिन इससे मरीज की किडनी व हृदय को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है। ऐसी पुडिय़ा शहर के पावटा क्षेत्र में मंडोर रोड, कृषि उपज मंडी, सोजती गेट, त्रिपोलिया बाजार में बेची जा रही हंै। इससे लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। औषधि नियंत्रक (आयुर्वेद), जोधपुर डॉ. इन्दीवर भारद्वाज ने बताया कि शहर के कुछ क्षेत्रों में आयुर्वेद औषधि के नाम पर पुडिय़ा में दवा बेचने की शिकायत मिली हैं। इस तरह कोई भी दुकानदार बिना लाइसेंस के दवा नहीं बेच सकता। इस संबंध में कार्रवाई की जाएगी।

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