ऑनलाइन फॉर्मेसी में बढ़ा निवेश

चेन्नई। बीते साल में देश के ऑनलाइन फार्मेसी क्षेत्र में सबसे ज्यादा निवेश हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि ई-फार्मेसी पर प्रतिबंध के कोर्ट के आदेश के बावजूद इस उद्योग में निकट भविष्य में फिर से वृद्धि के आसार हैं। शोध एवं विश्लेषण कंपनी वेंचर इंटेलिजेंस के आंकड़ों के अनुसार इस क्षेत्र में वर्ष 2018 के दौरान 14 करोड़ डॉलर (8.8 अरब रुपए) के 10 सौदे हुए, जबकि वर्ष 2017 में 3.7 करोड़ डॉलर के पांच सौदे हुए थे। वर्ष 2016 में करीब 10 सौदे हुए थे। उस साल पीई/वीसी निवेशकों ने 5.6 करोड़ डॉलर का निवेश किया था, जो 2013 के बाद सबसे अधिक निवेश था। वर्ष 2018 में सबसे अधिक करीब 6.5 करोड़ डॉलर (45 करोड़ रुपए) का निवेश फार्मईजी में हुआ। यह निवेश करने वाले निवेशकों में थिंक इन्वेस्टमेंट्स, फंडामेंटम, बेस्सेमर, एट रोड्स वेंचर्स, ट्रिफेक्टा कैपिटल, ओरियोस वीपी, आरिन कैपिटल, जेएम फाइनैंशियल और अन्य शामिल थे।  नेटमेड्स में सिस्टेमा एशिया फंड और अन्य ने 3.5 करोड़ डॉलर का निवेश किया। यह दूसरा सबसे बड़ा सौदा था। अन्य सौदों में लाइफकेयर में नेक्सस वेंचर पार्टनर्स, आईआईएमएल और सैफ पार्टनर्स ने 1.1 करोड़ डॉलर का निवेश किया। इसके अलावा आईआईएफएल वीसी, सिकोया कैपिटल इंडिया और अन्य ने हेल्थकार्ट में 1 करोड़ डॉलर का निवेश किया।
 हाल में मद्रास उच्च न्यायालय के एकल पीठ ने निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार के नियमों की अधिसूचना जारी किए जाने तक दवाओं की ऑनलाइन बिक्री पर रोक लगाई जाए। केंद्र सरकार की तरफ से ये नियम 31 जनवरी तक जारी किए जाने की बात कही गई थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने यह निर्देश तमिलनाडु केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की एक याचिका पर दिया था। इस याचिका में यह तर्क दिया गया था कि वर्तमान नियमों में दवाओं की ऑनलाइन बिक्री का कोई प्रावधान नहीं है। पर्चे की दवाओं की बिक्री केवल पंजीकृत दवा विक्रेता ही कर सकता है और यह बिक्री केवल उस परिसर से हो सकती है, जिसके लिए दवा नियामक प्राधिकरण ने लाइसेंस जारी किया है। वहीं, ऑनलाइन कंपनियों ने कहा है कि वे केवल पर्चे पर ही दवाओं की बिक्री करती हैं और यह बिक्री पंजीकृत दवा विक्रेताओं के जरिए की जाती है। इस उच्च न्यायालय के एकल पीठ के फैसले पर इसी अदालत की बड़ी पीठ ने रोक लगा दी है। इसी तरह का मामला दिल्ली उच्च न्यायालय में भी लंबित है। ऐबट हेल्थकेयर के पूर्व प्रबंध निदेशक सुदर्शन जैन ने कहा कि यह उचित नियमनों की तरफ उद्योग के बढऩे का दौर है। उन्होंने कहा कि सरकार इस मोर्चे पर सही दिशा में काम कर रही है। इससे मरीजों और उद्योग को सही दिशा में बढऩे में मदद मिलेगी। इस क्षेत्र में और निवेश आएगा।
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