बच्चों के आईसीयू में धुंआ भरने से 2 की मौत  

बिलासपुर (छ.ग.)। राज्य के दूसरे सबसे बड़े शासकीय छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) अस्पताल में पिछले दिनों द्वितीय तल पर बिजली के स्विच बोर्ड में शार्ट सर्किट से आग लग गई। इससे बच्चों के आईसीयू सहित पूरे अस्पताल में धुंआ भर गया। आग लगने की वजह से निजी अस्पताल में भेजे गए दो बच्चों की मौत हो गई, जबकि अस्पताल में मौजूद कुछ बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। बच्चों को सुरक्षा के दृष्टि से ट्रामा सेन्टर की एंबुलेंस से शासकीय व निजी अस्पताल भिजवाया गया। आग बुझाने की कोशिश में अस्पताल के तीन कर्मचारी भी बेहोश हो गए, जिन्हें आपातकक्ष में भर्ती करना पड़ा। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने घटना को बेहद दुखद बताया। आग कैसे लगी, इसके लिए कौन दोषी हैं, इसका पता लगाने के लिए जांच के आदेश दे दिए हैं।
घटना की जांच के लिए डीन के निर्देश पर तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है। वहीं, एक बच्चे की मौत पर डीन का कहना है कि धुंआ भरने के कारण बच्ची की मौत नहीं हुई है। वह पहले से ही गंभीर हालत में थीं। उसकी हालत को देखते हुए उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। अस्पताल में लगी आग को बुझाने के लिए बिजली के प्रवाह को रोकने के कारण बच्चों के आईसीयू का ऑटोमेटिक लॉक सिस्टम नहीं खुला तो उसके कांच को तोड़ा गया। जिनके बच्चे भर्ती थे, वे वार्ड में घुसकर अपने बच्चों को लेकर भागने लगे। जिससे अफरा-तफरी का माहौल बन गया था।
अस्पताल में मौजूद सुरक्षाकर्मी का कहना है कि बिजली स्विच बोर्ड में आग लगने के कारण पूरे अस्पताल में धुंआ भर गया था। काला धुंआ भरने के कारण किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। उसने तब इसकी जानकारी अधीक्षक को दी। अधीक्षक व अन्य कर्मियों ने बिजली के प्रवाह को रोक कर अग्निशमन यंत्रों से आग बुझाने की कोशिश की लेकिन आग नहीं बुझी तो बड़े अग्निशमन यंत्र लाए गए, जिससे थोड़ी देर बाद आग पर काबू पा लिया गया।
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