बिना लाइसेंस दवाएं बेचने के आरोपी फर्जी डॉक्टर को 3 साल की कैद

कोरबा (छग)। बिना डिग्री के डॉक्टर की प्रैक्टिस करने व लाइसेंस लिए बगैर एलोपैथिक दवाइयां बेचने के मामले में कोर्ट ने एक फर्जी डॉक्टर को 3 साल की जेल और 1 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। जानकारी अनुसार खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग की निरीक्षक रमिला भगत ने जून 2013 में उरगा थाना क्षेत्र के पताड़ी के समीप स्थित बेंगचुलभांठा गांव में आयुर्वेद चिकित्सा करने वाले महादेव शांडे (55) के घर में छापा मारा था। जहां 24 प्रकार के एलोपैथिक दवाइयां मिला था। जिसे बिना लाइसेंस के अनधिकृत रूप से बेचने के लिए रखा गया था। वहीं, महादेव शांडे से डॉक्टरी प्रैक्टिस के संबंध में डिग्री मांगने पर भी पेश नहीं किया जा सका। औषधि निरीक्षक भगत के नेतृत्व में कार्रवाई करते हुए दवाइयां जब्त करते हुए औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण बनाया गया था। मामला सुनवाई के लिए विशेष सत्र न्यायालय भेजा गया। जहां सुनवाई के दौरान महादेव शांडे के खिलाफ दोष सिद्ध हो गया। इस आधार पर विशेष सत्र न्यायाधीश राकेश बिहारी घोरे ने प्रकरण में फैसला सुनाते हुए दोषी महादेव शांडे को 3 वर्ष का कारावास व 1 लाख रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।
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