अब फार्मासिस्ट भी कर सकेंगे प्रैक्टिस 

रांची। फार्मासिस्टों के लिए खुशी की खबर है। अब झारखंड सरकार केंद्र के फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन नियमावली को एडाप्ट करने जा रही है। इसके प्रावधान के अनुसार अब राज्य में फार्मासिस्ट भी प्रैक्टिस कर सकेंगे। वे मरीजों से शुल्क लेकर डॉक्टर की पर्ची पर लिखी गई दवा के सेवन के संबंध में राय दे सकेंगे। केंद्र में 2015 में लागू फार्मेसी प्रैक्टिस रेगुलेशन एक्ट के प्रावधानों को झारखंड में भी लागू किया जाएगा। स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने विभाग के इस आशय के प्रस्ताव पर अपनी सहमति दे दी है। बताया जाता है कि कैबिनेट की स्वीकृति के लिए फाइल भेजी गई है। कैबिनेट की अगली बैठक में इस पर निर्णय हो सकता है। झारखंड फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार के अनुसार, यह एक्ट झारखंड में भी लागू होने से फार्मासिस्ट फीस लेकर मरीजों को दवा के संबंध में परामर्श दे सकेंगे। लेकिन उन्हें पांच साल का पूरा रिकार्ड रखना होगा।
 फार्मासिस्ट मरीजों का न तो इलाज करेंगे न ही वे दवा का पुर्जा लिखेंगे। वे सिर्फ डॉक्टरों द्वारा लिखी गई दवा का परामर्श ही दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि इस एक्ट में फार्मासिस्टों के पेशे को नियमित करने के लिए कई प्रावधान हैं। इधर, झारखंड फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने केंद्र के एक्ट को एडॉप्ट करने पर खुशी जाहिर करते हुए ओडिशा की तर्ज पर झारखंड में भी प्रावधानों को लागू करने की मांग की है। वे फार्मासिस्टों को फस्र्ट एड करने की छूट की भी वकालत करते हैं।
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