न्याय मिलने तक चैन से नहीं बैठेंगे फार्मासिस्ट

रोहतक(हरियाणा)। एसोसिएशन गवर्नमेंट फार्मासिस्ट ऑफ हरियाणा के राज्य एवं जिला कार्यकारिणी के सदस्यों की एक महत्वपूर्ण बैठक स्थानीय होटल में हुई। एसोसिएशन के राज्य प्रेस सचिव अनिल शर्मा ने बताया कि बैठक में सरकार की फार्मासिस्ट वर्ग के प्रति बेरुखी के खिलाफ सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। बैठक को सम्बोधित करते हुए राज्य प्रधान विनोद दलाल ने कहा कि एक फार्मासिस्ट स्वास्थ्य संस्था की रीढ़ होता है व अपने कार्य के अतिरिक्त हर जिम्मेवारी का निर्वाह बेहतरीन तरीके से करता है। चाहे वो डॉक्टर की अनुपस्तिथि में संस्था का इंचार्ज का कार्य हो, चाहे जन्म-मृत्यु रिकॉर्ड संबंधी कार्य हो। जब भी कोई संस्था में ज्यादा जिम्मेवारी वाला कार्य हो ,एक  फार्मासिस्ट ही याद आता है, पर विडंबना यह है कि जब हक देने की बात आती है तो उसे पीछे धकेल दिया जाता है। जहां अन्य पैरा मेडिकल कैटेगरी का ग्रेड पे 4600 रुपए कर दिया गया है, वहीं फार्मासिस्ट को 4200 रुपए ही दिया जा रहा है, जो कि भेदभावपूर्ण है। उन्होंने सरकार के रवैये पर रोष जताते हुए कहा कि यह विडंबना ही है कि स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा जिम्मेवारी उठाते हुए काम के बोझ से दबे, कभी भी आंदोलन की राह पर नहीं जाकर, जनहित में शांतिप्रिय तरीके से अपने कार्य को अंजाम देने वाले फार्मासिस्ट वर्ग की ओर सरकार बिलकुल ध्यान न देकर उनका शोषण कर रही है। उन्होंने सरकार को चेताते हुए कहा कि अगर फार्मासिस्ट वर्ग का सम्मान नहीं किया गया, उन्हें 4600 ग्रेड पे नहीं दिया गया तो यह वर्ग आरपार की लड़ाई लडऩे से गुरेज नहीं करेगा। राज्य महासचिव बलबीर श्योराण ने कहा कि जहाँ एक फार्मासिस्ट को बारह तरह के कार्यों की जिम्मेदारी लिखित में दी हुई है, वहीं चिकित्सक की अनुपस्तिथि में स्वास्थ्य केन्द्रों में इंचार्ज की भूमिका में भी होता है। राज्य सचिव अरुण कुमार ने समय के बदलाव के साथ तुरंत प्रभाव से फार्मासिस्ट की शैक्षिक योग्यता बी फार्मेसी करने की मांग की। उन्होंने सरकार से मांग की कि फार्मासिस्ट को केंद्र सरकार की तर्ज पर शब्दावली में बदलाव कर फार्मेसी ऑफिसर का पदनाम दिया जाए।
बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने फार्मासिस्ट वर्ग के प्रति सरकार के नकारात्मक रवैये के लिए रोष जताया और जल्द ही राज्यस्तरीय आंदोलन की रूपरेखा बनाने पर सहमति दी।  सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन शुरू करने पर सहमति जताई गई व न्याय नहीं मिलने तक सरकार के प्रति रोष प्रदर्शन जारी रखने का फैसला लिया गया। इस अवसर पर राज्य कार्यकारिणी सदस्य वीरेंद्र सहारण, हरि निवास धनखड़ , धर्मपाल फरीदाबाद, भिवानी से वीरेंद्र सहारण, कैथल से कुलदीप चीमा, पंचकूला से जसविंदर सिंह, फतेहाबाद से जगदीश प्रसाद, कृष्ण कुमार, रोहतक से शम्मी वर्मा, पूजा अधलखा हिसार से अभय राम, रमेश कुमार राजेश सिंगला करनाल, जींद से अशोक फार्मासिस्ट उपस्थित थे।
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