काम पर नहीं लौटने वाले 253 स्वास्थ्यकर्मी टर्मिनेट

सिरसा (हरियाणा)। हड़ताल पर बैठे एनएचएम के 142 और कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इन्हें चेतावनी नोटिस दिया गया था, इसके बावजूद ये कर्मचारी काम पर नहीं लौटे। इससे पहले 50 एंबुलेंस ड्राइवर, 33 ईएमटी, 4 कॉल सेंटर ऑपरेटर और एक फ्लीट मैनेजर सहित 23 आईए (सूचना सहायक) बर्खास्त किए जा चुके हैं। कुल मिलाकर पिछले पांच दिनों में विभाग ने एनएचएम के 253 कर्मचारी बर्खास्त किए हैं। उधर, आक्रोषित हड़ताली कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया और सडक़ों पर उतरने की चेतावनी भी दी। गौरतलब है कि सातवें वेतन और सेवा नियम में संशोधन की मांग को लेकर पिछले 18 दिनों से 555 एनएचएम कर्मचारी संघर्षरत हैं। इसमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम, एंबुलेंस ड्राइवर, ईएमटी, एलटी, फार्मासिस्ट और डाटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य स्टाफ हड़ताल में शामिल हैं। इससे सरकारी स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं। कर्मचारियों की लंबी हड़ताल से अस्पतालों में दवाइयों से लेकर डिलीवरी और टीकाकरण से संबंधित सेवाएं भी बिगड़ी हुई हैं। स्वास्थ्य विभाग भी अब सख्त हो गया है, क्योंकि विभाग ने एंबुलेंस सेवा से संबंधित कर्मचारियों को बर्खास्त करने के बाद आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत एंबुलेंस ड्राइवरों को लगा दिया है। वहीं, आईए और आयुष विभाग के कर्मचारियों सहित 253 कर्मचारी बर्खास्त कर दिए हैं, जबकि 302 हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। वहीं, धरनारत कर्मचारियों ने अर्धनग्न होकर सरकार एवं विभाग के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की। एसोसिएशन के पदाधिकारी अनिल मलिक और डॉ. जगत ने कहा कि सातवें वेतन और सेवा नियम में संशोधन की मांग लेकर एनएचएम कर्मचारी 18 दिनों से हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार कर्मचारियों की मांगों पर गंभीरता दिखाने की बजाए उनका रोजगार छीनने पर तुली है। इससे कर्मचारियों में सरकार के खिलाफ रोष है। उन्होंने कहा कि इसी रोषस्वरूप हड़ताली कर्मचारियों ने अर्धनग्न होते हुए सरकार के खिलाफ इसलिए रोष जताया है कि स्वास्थ्य मंत्री सत्ता में आने से पहले आमजन के अधिकारों के लिए अर्धनग्न होकर प्रदर्शन करते थे। अब कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं, तो लोगों के अधिकारों के लिए लडऩे वाले स्वास्थ्य मंत्री गहरी नींद में सोये हुए हैं। मांगों के पूरा न होने तक वह हड़ताल से नहीं उठेंगे।
जिला स्वास्थ्य विभाग में एनएचएम के तहत 612 कर्मचारी हैं, लेकिन उनमें 565 हड़ताल में शामिल हैं। इनमें डॉक्टर, स्टाफ नर्स, एएनएम, एंबुलेंस ड्राइवर, ईएमटी, एलटी, फार्मासिस्ट और डाटा एंट्री ऑपरेटर व अन्य स्टाफ शामिल हैं। आउटसोर्सिंग पॉलिसी के तहत विभाग ने 34 एंबुलेंस ड्राइवर लगा दिए हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की ओर से किसी तरह की कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पाई है। पिछले 18 दिनों से जिला में 833 के स्टाफ की जिम्मेदारी मात्र 276 कर्मचारियों पर है। हड़ताल से सीएचसी और पीएचसी की स्वास्थ्य सेवाएं ज्यादा प्रभावित हैं, क्योंकि उनमें अधिकतर स्टाफ एनएचएम के तहत कार्यरत था।
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