जॉनसन बेबी शैंपू उत्तरप्रदेश में बैन, गुजरात में मंजूरी

लखनऊ, वडोदरा। जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैंपू के दो बैच की बिक्री पर अब उत्तरप्रदेश में भी रोक लगा दी गई है, वहीं गुजरात एफडीसीए ने इसकी बिक्री को मंजूरी दे दी है।
 गौरतलब है कि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन की टीम ने लखनऊ के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित कंपनी के डिपो पर छापेमारी कर सात सैंपल लिए हैं। इनमें शैंपू, बेबी ऑयल, मसाज ऑयल, माश्चराइजर, फेस क्रीम के नमूने शामिल हैं। एफएसडीए के सहायक आयुक्त रमाशंकर ने बताया कि जयपुर (राजस्थान) में जॉनसन एंड जॉनसन के शैंपू (बैच नंबर बीबी 58204) में फॉर्मल्डिहाइड की मिलावट पाई गई थी, जो कि बच्चों के लिए बहुत हानिकारक है। इसके बाद एफएसडीए के औषधि नियंत्रक एके जैन ने उत्तरप्रदेश में शैंपू की बिक्री पर रोक लगा दी।  रमाशंकर ने बताया कि ट्रांसपोर्ट नगर डिपो से पूरे यूपी में 16704 शैंपू 100 एमएल के बेचे गए थे। इन्हें तीन दिनों में मार्केट से वापस मंगाने के आदेश दिए गए हैं। वापस मंगाने के बाद उन्हें सीज करके नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। जयपुर को यह शैंपू कंपनी के लखनऊ स्थित स्टोर से ही सप्लाई किया गया था। इस विशेष बैच के उत्पाद बाजार से कंपनी को वापस लेना है। लखनऊ स्टोर में पड़ताल के दौरान पता चला कि बीबी-58204 बैच के 100 मिलीलीटर के शैंपू के 16,704 पैक बलरामपुर, कानपुर, आजमगढ़, वाराणसी, बाराबंकी, फैजाबाद, प्रयागराज समेत पूरे उत्तरप्रदेश में सप्लाई किए गए हैं। फिलहाल, इनकी बिक्री पर रोक लगा दी गई है। एके जैन ने बताया कि इस मामले में सभी जिलों के डीएम को भी इस बारे में पत्र लिखा गया है।
रमाशंकर के मुताबिक, फॉर्मल्डिहाइड कार्बन यौगिक है। इससे त्वचा, सांस संबंधी बीमारियों के साथ ही कैंसर भी होने का खतरा रहता है। इसका प्रयोग खाद्य सामग्री और शरीर पर प्रयोग होने वाले उत्पादों में प्रतिबंधित किया गया है। शैंपू या तेल में इसके मिले होने से पसीना नहीं निकल पाता है। यह रोम छिद्रों को बंद करने के साथ ही त्वचा एवं आंतरिक कोशिकाएं को भी प्रभावित करता है।
उधर, गुजरात एफडीसीए ने बेबी शैम्पू को अपने यहां मंजूरी दे दी है। जानी-मानी बहुराष्ट्रीय कंपनी के बेबी शैम्पू के नमूनों में कैंसरजनक यौगिक फॉर्मल्डिहाइड की कोई उपस्थिति नहीं पाई गई। गुजरात में खाद्य एवं औषधि नियंत्रण प्रशासन (एफडीसीए) ने जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू उत्पाद को एक महीने बाद अनिवार्य रूप से मंजूरी दे दी है। एक दस्तावेज में वडोदरा फूड एंड ड्रग्स लेबोरेटरी में सरकारी विश्लेषक इस बात की पुष्टि करते हैं कि फॉर्मल्डिहाइड की मौजूदगी के लिए चेक किए गए शैम्पू के सभी पांच सैंपल निगेटिव पाए गए। दस्तावेज में कहा गया है कि नमूने में फॉर्मल्डिहाइड की उपस्थिति का पता नहीं चलता है। इन पांच पत्रों में उत्पाद के नमूना परीक्षण के परिणाम शामिल हैं और सूरत में तीन औषध निरीक्षकों को भेजा गया है जहां से नमूने एकत्र किए गए थे। गुजरात के खाद्य और औषधि आयुक्त डॉ. हेमंत जी कोशिया ने गुजरात के बाजार से उत्पादों के नमूनों की जांच शुरू की थी। नतीजों पर बोलते हुए उन्होंने बताया कि परीक्षा परिणाम सभी निगेटिव आए हैं। शैम्पू के किसी भी नमूने में कोई फॉर्मल्डिहाइड नहीं मिला है। यह उत्पाद विनिर्माण के सभी भारतीय मानकों को पूरा करता है।
वहीं, दिग्गज फार्मास्युटिकल व एफएमसीजी कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने अपने उत्पाद बच्चों के इस्तेमाल के लिए पूरी तरह सुरक्षित बताए हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि बेबी शैम्पू में फॉर्मल्डिहाइड नामक रसायन नहीं है और न ही वह कोई ऐसा रसायन मिलाती है जिससे फॉर्मल्डिहाइड निकलता हो। कंपनी ने राजस्थान ड्रग्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की जांच रिपोर्ट को भी चुनौती दी है। कंपनी ने कहा कि फॉर्मुलेशन डेवलपमेंट, उत्पाद निर्माण में इस्तेमाल होने वाले सामान के प्रबंधन, क्वालिटी सिस्टम और टेस्टिंग के प्रत्येक स्तर पर जांच से यह सिद्ध हुआ है कि वह बेबी शैम्पू में फॉर्मल्डिहाइड नहीं मिलाती। कंपनी डीएंडसी अधिनियम और उसके नियमों के तहत निर्धारित सभी मानकों का पालन करती है। उसका दावा है कि उसके उत्पाद इस्तेमाल के लिए पूरी तरह सुरक्षित हैं। जांच रिपोर्ट पर सवाल उठने के बाद बेबी शैम्पू के नमूनों की जांच अब कोलकाता स्थित सेंट्रल ड्रग लेबोरेटरी में हो रही है। गौरतलब है कि राजस्थान में जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी शैम्पू के दो बैच की जांच में फॉर्मल्डिहाइड मिलने की बात सामने आई थी। इसके बाद से राजस्थान और बाद में उत्तर प्रदेश सरकार ने शैम्पू की बिक्री पर रोक लगा दी।
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