भ्रूण लिंग जांच का भंडाफोड़, नर्स और निजी अस्पतालों के दो पीआरओ चला रहे थे धंधा 

सिरसा। पड़ोसी राज्य पंजाब के मुक्तसर में बड़े स्तर पर भ्रूण लिंग जांच के कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। इसके तार जिला सिरसा से जुड़े पाए गए हैं। सिरसा स्वास्थ्य विभाग की टीम के अनुसार भ्रूण लिंग जांच गिरोह में शामिल मलोट निवासी एक नर्स (दलाल) सिलोचना के साथ निजी अस्पताल के दो पीआरओ रोशनलाल व जतिन का पता चला। इस पर टीम ने रोशनलाल को 33 हजार की नकदी और गर्भवती (बोगस ग्राहक) की आईडी के साथ टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। लेकिन उसका साथी जतिन और आरोपी अभी पकड़ से बाहर हैं।
     सिरसा सीएमओ डॉ. गोबिंद गुप्ता को सूचना मिली कि मलोट निवासी एक महिला दलाल सिरसा से पंजाब क्षेत्र में गर्भवती महिलाओं की भ्रूण लिंग जांच करवाती है। सिरसा में उसने अपना एक नेटवर्क बना रखा है और इस काम की एवज में वह गिरोह मोटी रकम ऐंठता है। सीएमओ ने डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुधराम को लेकर तीन सदस्यीय डॉक्टरों की टीम गठित की। पहले एक बोगस ग्राहक बनाया। उसने महिला दलाल मलोट निवासी सिलोचना (नर्स) को फोन किया तो उसने खुद को बीमार बताते हुए अपने दूसरे साथी रोशनलाल का मोबाइल नंबर दे दिया। उससे बात की तो 45 हजार रुपये में सौदा तय हो गया और उसने गर्भवती (बोगस ग्राहक) को मुक्तसर (पंजाब) लाने की बात कही। टीम बोगस ग्राहक को मुक्तसर लेकर पहुंची और उक्त दलाल ने 35 हजार की नकदी एडवांस ली और बोगस ग्राहक को लेकर एक निजी अस्पताल पहुंचा। जहां निजी अस्पताल के पीआरओ जतिन ने 25 हजार रुपये लेकर महिला को उसी अस्पताल के बाहर रोक एक अल्ट्रासाउंड केंद्र में गया। लेकिन केंद्र संचालक की ओर से जांच करने से इनकार की बात कहते हुए रोशनलाल के साथ वापस लौटा दिया, तो घात लगाए बैठी स्वास्थ्य विभाग की टीम ने रोशनलाल को 33 हजार रुपये के साथ रंगे हाथों दबोच लिया। लेकिन उसका साथी जतिन 2 हजार रुपये के साथ फरार हो गया। उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग मुक्तसर टीम की मौजूदगी में डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. बुधराम ने मुक्तसर सिटी थाना में पीसीपीएनडीटी एक्ट व 120 बी के तहत मामला दर्ज करवा दिया है। पुलिस जांच में कई खुलासे होने की आशंका है।  खुद को नर्स बताने वाली मलोट निवासी आरोपी महिला सिलोचना इससे पहले वर्ष 2016 में भी भ्रूण लिंग जांच मामले में पकड़ी गई थी। उसे सिरसा स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मुक्तसर के एक निजी अल्ट्रासाउंड केंद्र से रंगे हाथों दबोचा था। उसके खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत मामला कोर्ट में विचाराधीन है। उक्त महिला अब जमानत पर बाहर आई थी। उसने फिर से वही कारोबार चला लिया था। कयास लगाए जा रहे हैं कि पंजाब स्वास्थ्य विभाग की टीम से छापेमारी की बात लीक हो सकती है, जिससे उक्त अल्ट्रासाउंड केंद्र संचालक ने जांच करने से इनकार किया। लेकिन इसका खुलासा पकड़ में आए गिरोह से पुलिस पूछताछ में होगा।
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