फर्जी सैंपलिंग कर रहा खाद्य-औषधि विभाग  

रायपुर । खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी खाद्य पदार्थों की जांच के नाम पर फर्जी सैंपलिंग कर रहे हैं। विभाग ने बीते चार माह में प्रदेशभर से करीब 2 हजार सैंपल लिए लेकिन एक भी सैंपल जांच के लिए लैब में नहीं भेजा है। सैंपल लेने का काम सिर्फ जनता को धोखा देने और अवैध वसूली करने के लिए किया जा रहा है। दरअसल, प्रदेश के 60 से ज्यादा खाद्य सुरक्षा निरीक्षकों को सैंपलिंग के लिए पेपर स्लिप ही विभाग की ओर से जारी नहीं की गई है। पता चला है कि पेपर स्लिप जारी करने वाले अधिकारी की नियुक्ति ही विभाग नहीं कर पाया है। इसके चलते जनवरी माह से विभाग अवैध सैंपल ही कलेक्ट कर रहा है। लगातार शिकायतों के बाद मई माह में दो अधिकारियों को प्रभार दिया गया है। रामनगर और लाखे नगर के दो व्यापारियों ने बताया कि एक माह पहले विभाग के कुछ अधिकारी जांच के लिए उनकी आइसक्रीम फैक्ट्री आए थे। अधिकारियों ने सैंपल भी लिया, लेकिन सैंपल को बिना सील किए ही चले गए। उनमे से एक निरीक्षक ने अपना मोबाइल नंबर देकर संचालक को कहा कि बात करना। निरीक्षक से बात करने पर दोनों व्यापारियों को निरीक्षक ने कालीबाड़ी स्थित कार्यालय  बुलाकर 15 हजार में प्रकरण समाप्त करने की बात कही। व्यापारियों ने दूसरे दिन व राशि निरीक्षक को जाकर दे दी। व्यापारियों को यह जानकारी भी नहीं थी कि यदि वह रिश्वत नहीं भी देते तो निरीक्षक प्रकरण कोर्ट में पेश नहीं कर सकता था। बता दें कि हर साल होली के पहले विभाग अभियान चला कर सैपलिंग करता है। लेकिन इस त्योहार में वैध सैंपलिंग नहीं की गई है। विभाग ने दिखावे के लिए मिठाई और खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए थे। इस संबंध में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव निहारिका बारिक  का कहना है कि इस माह से दो अधिकारियों को अभियोजन स्वीकृति के लिए प्रभार दिया गया है। अब सभी प्रकरणों में पेपर स्लिप उनके माध्यम से दिए जा रहे हैं।
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