फार्मा उद्योग ध्यान दें: आने वाली है नई फार्मा प्राइसिंग पॉलिसी!

नई दिल्ली: ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया और नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी के चेयरमैन की मौजूदगी में नीति आयोग की ताजा बैठक के बाद इस बात की प्रबल संभावना हो चली है कि केंद्र सरकार नई फार्मा प्राइसिंग पॉलिसी लाएगी। नई पॉलिसी मौजूदा नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग पॉलिसी-2012 का स्थान लेगी। नीति निर्धारक मानते हैं कि इस कदम से दवाओं के साथ-साथ अन्य फार्मास्युटिकल उत्पादों के दाम भी कम होंगे। ऐसा हुआ तो इलाज सस्ता होगा और दवाएं आम आदमी की पहुंच में आएंगी। सूत्रों की मानें तो बैठक में डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स ने नई नीति बनाते वक्त ग्राहकों के साथ-साथ कंपनी हितों का ख्याल रखने पर भी जोर दिया। अधिकारियों और रेग्युलेटर्स ने दवा कीमतों में विसंगतियों का मुद्दा भी उठाया।
दरअसल, ये सब बदलाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनता से किए गए सस्ते इलाज के वायदे को सिरे चढ़ाने के लिए हो रहा है। केंद्र सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स इस मुद्दे पर गंभीर मंथन कर रहा है। डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स काफी पहले से दवा कंपनियों और सिविल संगठनों से फीडबैक ले रहा है। केंद्र सरकार के मन में 2013 के ड्रग प्राइस कंट्रोल ऑर्डर को बदलने का विचार भी आ रहा है।
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