फर्जी एफआईआर दिखा दवा कंपनी से लाखों की ठगी 

पटना। ब्रांड प्रोटेक्शन सर्विसेज प्रा. (लिमिटेड) कंपनी का फर्जीवाड़ा सामने आया है। दवा कंपनी सेंटौर फार्मा के प्रतिनिधि नितिन पोद्दार ने कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया कि दीघा और कोतवाली थाने की तीन फर्जी एफआईआर दिखाकर ब्रांड प्रोटेक्शन कंपनी के एमडी मुस्तफा हुसैन ने उनसे लाखों की ठगी कर ली। मामला दर्ज होने के बाद कोतवाली पुलिस ने मुस्तफा के ऑफिस पर छापेमारी भी की। पुलिस को बिल्डिंग में मौजूद लोगों ने बताया कि यह ऑफिस कभी-कभी खुलता है। इधर, थानेदार रामशंकर सिंह ने कहा कि थाने की फर्जी एफआईआर दिखाई गई है। साक्ष्य एकत्र कर लिए गए हैं। आरोपी की तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। शिकायतकर्ता नितिन के अनुसार 15 फरवरी, 2015 को उनकी कंपनी का मुस्तफा हुसैन एजेंसी से करार हुआ था। करार के तहत उसे हमारी कंपनी के लिए जांच और रेड करना था, ताकि कंपनी के नाम का कोई गलत इस्तेमाल न कर सके। उन्होंने कहा कि इसके बाद मुस्तफा ने कंपनी को 2 फरवरी 2016 को बताया कि उनकी कंपनी की नकली दवाएं बिक रही थीं। पुलिस के साथ रेड किया गया और कार्रवाई की गई। इस संबंध में कोतवाली थाने में कांड संख्या 5416 दर्ज भी किया गया। 2019 को कंपनी को पता चला कि जिस एफआईआर को दिखाकर मुस्तफा ने पैसे लिए, वह फर्जी थी। इसी तरह मुस्तफा ने दीघा थाने की दो एफआईआर कांड संख्या 40515 और 916 को दिखाकर भी दवा कंपनी से पैसे ठग लिए। जांच में यह बात आई कि दीघा थाने की दोनों एफआईआर भी फर्जी हंै। दीघा में दो और कोतवाली में दर्ज एक एफआईआर चोरी और साधारण मारपीट की है। फर्जी एफआईआर के मुताबिक मुस्तफा की ओर से उसकी कंपनी के स्टाफ संतोष ने दोनों थानों की पुलिस के साथ मिलकर तीन जगहों पर छापेमारी की। गौरतलब है कि ब्रांड प्रोटेक्शन नाम से कंपनी चलाने वाले मुस्तफा हुसैन और उसके भाई मुमताज हुसैन पर पहले भी फर्जीवाड़े का आरोप लग चुका है। बीते साल अक्टूबर में डेनमार्क की दवा कंपनी से फर्जी एफआईआर दिखाकर 8 लाख रुपए ठगने का आरोप लगा था। मामला यह है कि डेनमार्क की कंपनी को मुस्तफा ने अगमकुआं थाने में चोरी के मामले में दर्ज एक एफआईआर का नंबर देकर बताया कि उनके लिए रेड किया गया है। इसके एवज में उन्होंने कंपनी से पैसे ले लिए। दवा कंपनी के प्रतिनिधियों ने जब दिल्ली से थाने में फोन कर दिए गए एफआईआर नंबर के बारे में जानकारी मांगी तब मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद दवा कंपनी के प्रतिनिधि ने पटना के अगमकुआं थाने में एफआईआर (75918) दर्ज कराई थी। मामले में थाने की पुलिस चार्जशीट कर चुकी है।
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