हरियाणा से विदेशों में दवाओं का बढ़ा एक्सपोर्ट 

चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश से विदेशों में दवाइयों का एक्सपोर्ट एकाएक बढ़ गया है। पिछले दस माह में ही प्रदेश से दोगुनी राशि की दवा विदेश में एक्सपोर्ट हुई है। कहा जा सकता है कि इससे प्रदेश दवा उद्योग को और बढ़ावा मिलेगा। बता दें कि पहले विदेश में दवा एक्सपोर्ट करने के लिए केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर ऑफ जनरल इंडिया से कंपनियों को एनओसी लेनी होती थी। लेकिन करीब दस महीने पहले केंद्र सरकार ने यह अधिकार स्टेट ड्रग कंट्रोलर को दे दिए।  केंद्रीय ड्रग कंट्रोलर ऑफ जनरल इंडिया से एनओसी लेने में 10 से 15 दिन का वक्त लगता था। क्योंकि केंद्र से कंपनी की डिटेल स्टेट से मंगवाई जाती थी। उसके बाद उसे एनओसी जारी करनी होती थी। समय लगने से विदेश में एजेंसियां दूसरी जगह से भी दवा मंगवा लेती थी। अब स्टेट ड्रग कंट्रोलर को एनओसी का अधिकार दिया गया है। इसके चलते हरियाणा में एनओसी जल्द मिलने लगी। पूर्व में एक साल में जहां करीब 600-700 करोड़ रुपए की दवाइयां ही विदेश में सप्लाई हो रही थी, वहीं पिछले दस महीने में 1350 करोड़ रुपए से ज्यादा कीमत की दवाइयां विदेश में एक्सपोर्ट हो चुकी हंै। इससे सरकार को फायदा मिलने के साथ यहां रोजगार भी बढ़ेगा। डिमांड ज्यादा होने पर उत्पादन भी ज्यादा होगा। प्रदेश में 218 दवा इंडस्ट्री हंै। इनमें 45 इंडस्ट्री ने पिछले दो सालों में हरियाणा में निवेश किया है। प्रदेश में बनी दवाइयां यूएसए, नाइजिरियया, साउथ सुडान, यूरोप, इरान, काबुल अफगानिस्तान, न्यूयॉर्क, गाबोन, किर्जिस्तान, श्रीलंका, कीनिया, नेपाल, अंगोला, म्यांमार, बोलिविया, सोमालिया, वेस्टइंडीज, इराक, तजाकिस्तान, बुरुंदी, यमन, लाइबेरिया समेत अनेक देशों में एक्सपोर्ट हो रही है।
Advertisement