फेफड़े में तीसरे स्टेज का कैंसर होने पर मुफ्त इलाज नहीं

हल्द्वानी। फेफड़े में तीसरे स्टेज का कैंसर होने पर आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त इलाज नहीं मिलेगा। योजना में इस स्टेज की बीमारी के इलाज का प्रावधान नहीं किया गया है। हालांकि, इस स्थिति से डॉक्टर भी परेशान हैं, लेकिन नियमों का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसके चलते मरीज या तो महंगा इलाज कराने को मजबूर होते हैं या फिर बिना इलाज के निराश लौट जाते हैं। एक साल से योजना संचालित होने के बावजूद इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया। बताया गया है कि फेफड़े के तीसरे स्टेज के कैंसर के इलाज का खर्च सरकारी में 50 हजार और निजी अस्पतालों में डेढ़ लाख रुपये तक आ जाता है। इसमें सर्जरी व कीमोथेरेपी दोनों तरह का इलाज है। आयुष्मान योजना से पांच लाख रुपये तक के नि:शुल्क इलाज की सुविधा है। मेडिकल कॉलेज के अधीन संचालित स्वामी राम कैंसर संस्थान में फेफड़े के कैंसर में ऑपरेशन की सुविधा नहीं है। कैंसर सर्जन नहीं होने से मरीजों को रेफर कर दिया जाता है।
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. केसी पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से अटल आयुष्मान योजना के लिए नियम तय हैं। इसी आधार पर इलाज दिया जाता है। हमारी ओर से नियमों में बदलाव नहीं किया जा सकता है। वहीं डॉ. आरके पांडे, स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा कि अटल आयुष्मान योजना का पूरा काम ट्रस्ट की ओर से संचालित होता है। हमारे पास इसकी रिपोर्ट नहीं आती है। फिर भी मेरे पास यह मामला आएगा तो इसके समाधान का प्रयास किया जाएगा। निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि निर्धारित इलाज में पर्याप्त धनराशि नहीं मिलती है। इतने कम बजट में अटल आयुष्मान योजना के तहत पंजीकरण कराना संभव नहीं है। सरकार न ही योजना में इलाज की दरें बढ़ा सकी और न निजी अस्पतालों को शामिल करा सकी।
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