डीफार्मा कालेज के दो संचालकों ने की लाखों की ठगी

फर्रूखाबाद (उप्र)। डी फार्मा का फर्जी अंकपत्र देकर ढाई लाख रुपए ठगने का मामला प्रकाश में आया है। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दो कॉलेज संचालकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जानकारी अनुसार शहर कोतवाली के आवास विकास कालोनी निवासी मानसिंह ने इटावा के मानिकपुर मोहान परमधान निवासी रजत त्रिपाठी व अभिषेक कुमार त्रिपाठी के खिलाफ अदालत में याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया कि वह एक नर्सिंग होम में काम करता है। आरोपी इटावा में माही कालेज आफ साइंस एंड टेक्नोलोजी चलाते हैं। 28 सितंबर 2017 को दोनों लोग शहर में आए और बताया कि डीफार्मा का कोर्स दो साल का कराते हैं। कोर्स पूरा होने पर उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में पंजीकरण भी कराकर देते हैं। इसके लिए ढाई लाख रुपये खर्चा आएगा। इस पर उसने तीन बार में ढाई लाख रुपये आरोपियों को दिए। आरोपियों ने वर्ष 2015-16 व 2016-17 का अंकपत्र दिया। इस पर आशंका होने पर आईएफटीएम यूनीवर्सिटी मुरादाबाद जाकर अंकपत्रों की जांच कराई तो वह फर्जी निकले। आरोपियों ने उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल में हुए पंजीकरण की जो रसीद दी, वह भी जांच में फर्जी निकली। कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी कर रुपये हड़पने की रिपोर्ट दर्ज की है।

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