दवा जब्त मामले में बैकफुट पर आया औषधि विभाग

सांचौर (राजस्थान)। मेडिकल एजेंसी पर हजारों प्रतिबंधित टेबलेट मिलने के मामले में औषधि विभाग बैकफुट पर आ गया है। शहर में तीन दिन पूर्व चौधरी धर्मशाला स्थित एक मेडिकल एजेंसी पर सांचौर पुलिस ने कार्रवाई कर हजारों की संख्या में प्रतिबंधित टेबलेट जब्त की थी। अब इस मामले में कार्रवाई करने के बजाय औषधि विभाग और पुलिस विभाग बैकफुट पर नजर आ गया है। प्रतिबंधित दवाएं जब्त होने के तीन दिन बाद भी विभाग ने ना तो मेडिकल एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई की है और ना ही मौका स्थल से बरामद हुई प्रतिबंधित दवाओं को रिकॉर्ड में दर्शाया गया है। इससे पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में है।
गौरतलब है कि पुलिस की ओर से प्रतिबंधित 20 हजार अल्पा व एमटीपीएल टेबलेट भी बड़ी मात्रा में जब्त की गई थी, लेकिन पुलिस ने रिकॉर्ड में महज ट्रेमाडोल की 39 हजार 400 टेबलेट जब्त होना बताया है। वहीं, दूसरी ओर मामले में कार्यवाही के तीन दिन बाद सांचौर पहुंची औषधि विभाग की जिला अधिकारी सायरा ने प्रतिबंधित नशीली दवाएं मेडिकल एजेंसी की बजाय अन्य जगह से बरामद होना बताकर क्लीनचीट दे दी। जबकि पुलिस ने इसी मेडिकल एजेंसी से दवाओं सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया था। अब पुलिस जहां मुखबीर की सूचना के आधार पर कार्रवाई को अंजाम देना बता रही है। वहीं, औषधि विभाग इसे पुलिस की कार्रवाई बताकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। ऐसे में जिला औषधि विभाग की कार्यवाही भी संदेह के घेरे में है। मेडिकल एजेंसी की आड़ में हो रहे नशे के अवैध कारोबार को लेकर पुलिस की कार्रवाई के कई दिन बाद भी पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की ओर से एजेंसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पुलिस ने प्रतिबंधित दवा जब्त करने के बाद खानापूर्ति कर मामले को छोड़ दिया। ना तो एजेंसी का रिकॉर्ड जांचा गया और ना ही अन्य कोई कार्रवाई की गई। इतना ही नहीं औषधि नियंत्रण अधिकारी ने तो एक कदम आगे बढ़ाते हुए कार्रवाई के बजाय इसका ठीकरा पुलिस पर फोड़ दिया।
जालोर में जिला औषधि नियंत्रण अधिकारी डॉ. सायरा का कहना है कि पुलिस ने मेडिकल एजेंसी से प्रतिबंधित दवाएं बरामद कर एनडीपीएस एक्ट के तहत प्रकरण बनाया है। यह पुलिस का मामला है। हम तो यह पता लगा रहे हैं कि ये दवाएं मेडिकल की बजाय अन्यत्र कहां से बरामद हुई हैं। ऐसे में मेडिकल एजेंसी के खिलाफ किस आधार पर कार्रवाई करें। हम प्रतिबंधित दवाओं का मेडिकल से किस प्रकार का संबंध था या कैसे बेची जाती थी, उस लिंक को ढूंढ रहे हैं। वहीं, सांचौर के थाना प्रभारी कैलाशदान ने बताया कि चौधरी धर्मशाला स्थित मेडिकल एजेंसी से प्रतिबंधित टेबलेट हमने बरामद कर प्रकरण बनाकर औषधि विभाग को सूचना दे दी है। अब यह मामला औषधि नियंत्रण विभाग का है। विभाग मेडिकल सीज कर उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकता है।

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