फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने वाले 7 गिरफ्तार

भ्रूण हत्या
concept image

लखनऊ। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के कर्मचारियों से सांठगांठ कर फर्जी डॉक्यूमेंट्स पर फार्मेसी लाइसेंस दिलवाने वाले सात जालसाज गिरफ्तार किए गए हैं। अलीगंज पुलिस के अनुसार जालसाजों का यह गिरोह रुपये लेकर फार्मेसी का लाइसेंस बनवाता था। आरोपियों के पास से फर्जी दस्तावेज, अलग-अलग विश्वविद्यालयों की 92 मोहरें, लैपटॉप, प्रिंटर, बाइक, दो कार और 1.49 लाख रुपये बरामद हुए हैं। इस पूरे फर्जीवाड़े में फार्मेसी काउंसिल के तीन बाबुओं का नाम भी सामने आया है। गैंग से जुड़े चार जालसाज फरार हैं, जिन्हें पुलिस तलाश रही है। इंस्पेक्टर अलीगंज फरीद अहमद ने बताया कि पुलिस टीम ने केंद्रीय विद्यालय के पास से मडिय़ांव निवासी दिनेश सचान, प्रमोद अवस्थी, वाराणसी निवासी गुंजेश कुमार पांडेय, सरोजनीनगर निवासी विशाल वर्मा, कृष्णानगर निवासी शैलेंद्र कुमार, वाराणसी निवासी अतुल कुमार सिंह और गोमतीनगर निवासी शाइस्ता सिद्दीकी को पकड़ा। ये लोग फार्मेसी का लाइसेंस दिलवाने का ठेका लेते थे। आरोपित बीफार्मा और डीफार्मा की फर्जी डिग्री बनवाने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के बाबुओं से सेटिंग कर फार्मेसी का लाइसेंस दिलवाने का काम करते थे। आरोपितों ने बताया कि इस काम में वह लोग फार्मेसी काउंसिल के तीन बाबुओं विजय कुमार, विकास सिंह और सतीश विश्वकर्मा से सांठगांठ कर फर्जी लाइसेंस दिलाने का काम कर रहे थे। आरोपित प्रति लाइसेंस 70 से 80 हजार रुपये वसूलते थे।
फर्जी ढंग से फार्मेसी का लाइसेंस बनाने वाले गैंग के चार सदस्य अमित राय, सुशांत, गिरीश और तरुण का नाम भी गिरफ्तार आरोपियों ने बताया है। अब पुलिस फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास में लगी है। वहीं, उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल के तीन बाबुओं का नाम आने की सूचना पुलिस ने फार्मेसी काउंसिल को भी देने की बात कही है। उत्तर प्रदेश फार्मेसी काउंसिल से फर्जी ढंग से लाइसेंस जारी किए जाने के संबंध में काउंसिल में कार्यरत विशेष कार्याधिकारी रमेश चंद्र श्रीवास्तव की शिकायत पर चौक पुलिस ने दीपक सचान और पप्पू प्रमोद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है। उनका आरोप है कि उक्त लोग दलाल है और लोगों को फार्मेसी का लाइसेंस दिलवाने के नाम पर ठगी करते हैं।

Advertisement