नाबालिग का गर्भपात करने पर अस्पताल सील

जींद (हरियाणा)। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने गोहाना रोड पर नए बाईपास के पास नवजीवन अस्पताल को एक नाबालिग गर्भवती का अवैध रूप से गर्भपात करने के आरोप में सील कर दिया है। अस्पताल में लाइट नहीं होने के कारण सही प्रकार से जांच नहीं हो सकी है। अब स्वास्थ्य विभाग की टीम दोबारा से ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में यहां सर्च अभियान चलाएगी। फिलहाल टीम को कुछ संदिग्ध दवाइयां व अन्य सामान मिला है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अस्पताल को नरेश भारद्वाज चला रहा था। नरेश भारद्वाज के पास कोई डिग्री नहीं है। ऐसे में फिलहाल अस्पताल को सील कर दिया है। पीएनडीटी के नोडल अधिकारी डॉ. प्रभूदयाल के अनुसार स्वास्थ्य विभाग को कुछ दिन पहले सूचना मिली थी कि नवजीवन अस्पताल में अवैध रूप से गर्भपात किया गया है। इस पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने यहां छापेमारी की तो अस्पताल से गर्भपात में प्रयोग होने वाली दवाएं भी मिली हैं।
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार 21 अक्टूबर को भी अस्पताल में छापेमारी की थी लेकिन उस समय स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल में कुछ भी संदिग्ध नहीं ढूंढ पाई। इसके बावजूद अस्पताल पर नजर रखी गई। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार करीब पांच-छह महीने पहले एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म हुआ था। इसके बाद से ही परिजन लोकलाज के डर से गर्भपात करवाने की फिराक में थे। इसी दौरान उनका संपर्क नवजीवन अस्पताल से हुआ और 14 हजार रुपये में गर्भपात करवाया गया। पिछले एक सप्ताह से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार मामले को खंगाल रही थी लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। इस पर पुलिस में दर्ज एफआईआर के आधार पर पीडि़ता तक पहुंचा गया और पता चला कि नवजीवन अस्पताल में ही अवैध रूप से गर्भपात हुआ है। नोडल अधिकारी, पीएनडीटी डॉ. प्रभूदयाल ने बताया कि जांच में सामने आया है कि अस्पताल संचालक 10वीं या 12वीं पास नरेश भारद्वाज नामक युवक है। फिलहाल आरोपी फरार है। अस्पताल को सील कर दिया है। एक-दो दिन में ड्रग इंस्पेक्टर की मौजूदगी में फिर से जांच की जाएगी।

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