ड्रग विभाग ने नकली दवाई सप्लाई गिरोह पकड़ा  

बागपत (उप्र)। वेस्ट यूपी में नकली दवाई सप्लाई करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस व ड्रग विभाग ने उनके पास से पांच लाख रुपये की दवाई बरामद की। टीम ने जांच के लिए दवाई के आठ सैंपल लिए है।
जानकारी अनुसार बागपत के एडीएम अमित कुमार के नेतृत्व में गौतमबुद्ध नगर के ड्रग इंस्पेक्टर एके जैन, बिजनौर के ड्रग इंस्पेक्टर आशुतोष मिश्रा, मेरठ के ड्रग इंस्पेक्टर पवन शाक्या और बागपत के ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने संयुक्त रूप से पुलिस टीम के साथ मिलकर नगर के राष्ट्र वंदना चौक से बाइक सवार दो युवकों को गिरफ्तार किया। उनके पास से एलोपैथी (अंग्रेजी) दवाई बरामद हुई। उनके पास दवाइयों से संबंधित कोई भी दस्तावेज नहीं मिले। ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर के अनुसार पकड़े गए आरोपी प्रदीप शर्मा पुत्र धर्म सिंह निवासी दुड़भा (बागपत), मैराजुद्दीन पुत्र सईद निवासी गांव भूड़ थाना खतौली (मुजफ्फरनगर) है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह झोलाछाप डाक्टरों को दवाई सप्लाई करते थे। उनको दवाई अरशद पुत्र मजीद निवासी सरधना और श्याम सिंह पुत्र भूलेसिंह निवाड़ी मुल्हैड़ा सरधना (मेरठ) उपलब्ध कराते थे। इसके बाद पुलिस ने अरशद और श्याम सिंह को कस्बा अमीनगर सराय से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपी दवाई देने बाइक से जा रहे थे। प्रथम दृष्टता दवाई नकली प्रतीत हो रही है। एजिथ्रोमायसिन, अमोक्सिसिल्लिन, सिफिक्सिम समेत आठ दवाइयों के नमूने लिए गए है। लैब रिपोर्ट से दवाइयों की स्थिति का सही पता चलेगा। आरोपियों के खिलाफ 18/27 औषधि अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है। ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर का कहना है कि बरामद की गई दवाई पर हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की रूडक़ी कंपनी के रेपर लगे हैं। जांच से दवाई और कंपनी की स्थिति का पता चलेगा।
यह गिरोह वेस्ट यूपी के बागपत, मेरठ, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर आदि जनपदों में दवाई सप्लाई करते थे। इससे साफ है कि गिरोह की जड़ें काफी गहरी है। ड्रग इंस्पेक्टर का कहना है कि इस अवैध कारोबार में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Advertisement