96 नशा मुक्ति केन्द्रों को थमाए नोटिस

चंडीगढ़। पंजाब के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू ने राज्य के सभी सिविल सर्जनों को नशा मुक्ति केन्द्रों में बूप्रिनोरफिन नालैकसोन की खरीद और प्रयोग की निजी तौर पर जांच करने और एक सप्ताह में अपने सम्बन्धित जिलों की रिपोर्ट जमा करवाने के लिए निर्देश दिए हैं। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सभी सिविल सर्जनों को 3 सदस्यीय कमेटी बनाने के लिए हिदायत दी है जिसमें 1 सिविल सर्जन समेत विभाग के 2 सीनियर अधिकारी शामिल होंगे। उन्होंने सिविल सर्जनों को राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किए एस.ओ.पी के यथावत पालन को यकीनी बनाने के लिए सभी प्राइवेट नशा मुक्ति केन्द्रों की निजी तौर पर जांच करने सम्बन्धी भी निर्देश दिए हैं। स. बलबीर सिंह सिद्धू ने आगे कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने ऑनलाइन सरकारी केंद्रीय रजिस्ट्री के द्वारा दवाओं की खरीद-फरोख्त की निगरानी की है। उन्होंने कहा कि लाइसेंस नियम 2011 के अनुसार हर निजी नशा मुक्ति केंद्र के लिए समय-समय पर जारी सरकारी निर्देशों का पालन करना लाजिमी है। नशा मुक्ति प्रोग्राम के अंतर्गत शत-प्रतिशत पारदर्शिता लाने के लिए प्राइवेट नशा मुक्ति केन्द्रों को अपने दस्तावेज दस्ती तौर पर और ऑनलाइन एफ.डी.ए और जिला अथॉरिटी को जमा करवाने को भी लाजिमी किया गया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में एफडीए (फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) द्वारा जमा किए गए आंकड़ों की क्रास चैकिंग की गई थी, जहां आंकड़ों में अंतर पाया गया था। उन्होंने कहा कि 96 नशा मुक्ति केन्द्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि जांच के उपरांत गलती करने वाले केन्द्रों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी। मंत्री ने आगे कहा कि सरकार ने 26 अक्तूबर, 2019 को ओ.ओ.ए.टी प्रोग्राम की शुरुआत की थी और इसके साथ ही एक केंद्रीय रजिस्ट्री साफ्टवेयर सिस्टम जो एक ऑनलाइन पोर्टल है को भी शुरू किया गया था। उन्होंने कहा कि नशा मुक्ति के लिए दवा लेने वाले हरेक मरीज को इस ऑनलाइन पोर्टल में रजिस्टर करवाना लाजिमी है और दवा की बांट भी ऑनलाइन की जाती है। स. बलबीर सिंह सिद्धू ने यह भी बताया कि 31 जुलाई, 2018 को सरकार द्वारा एक मानक ऑपरेटिंग प्रोटोकोल जारी किया गया था, जिसके अंतर्गत हरेक नशा मुक्ति केंद्र के लिए इस सिस्टम पर रजिस्टर होना लाजिमी किया गया था और हर मरीज को इस प्रणाली में दाखिल करना यकीनी बनाया गया था। उन्होंने कहा कि हरेक सेंटर को डॉक्टर और सहायक अमले के लिए यूजर -आई डी और पासवर्ड दिया गया था। बता दें कि बुप्रोनोरफिन -नैलैकसोन का प्रयोग विश्व स्तर पर नशा मुक्ति प्रोग्राम के अंतर्गत किया जाता है जो कि विश्व स्वास्थ्य संस्था द्वारा प्रमाणित है।

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