नामी दवा कंपनियों के नाम पर काम कर रहा दवा माफिया

भोपाल। नामी दवा कंपनियों की आड़ में दवा माफिया अपना कारोबार बढ़ाता जा रहा है। ये दवा माफिया ब्रांडेड कंपनियों के नाम का उपयोग कर स्तरहीन मिलावटी दवाओं को बाजार में बेच रहा है। प्रदेश में बड़े पैमाने पर हो रही माफिया के खिलाफ कार्रवाई में भी मिलावटी दवा माफिया बचा हुआ है।

प्रदेश की औद्योगिक नगरी होने के लिहाज से इंदौर में कई दवा कंपनियों ने अपना कारोबार फैला रखा है। मध्यप्रदेश में करीब 150 दवा इकाइयां है जिनमें 90 से ज्यादा सिर्फ इंदौर में ही है। इनमें 30 बड़ी और अन्य 60 छोटी कंपनियां है जो दवा निर्माण का काम कर रही है। प्रदेश में दवा सप्लाई का पूरा भार इंदौर में है, ऐसे में बड़ी कंपनियों के साथ छोटी कंपनियां भी दवाओं के निर्माण से लेकर उनके वितरण का काम संभाल रही हैं। इनकी आड़ में ही मिलावटी दवा माफिया अपनी मिलावटी दवाओं की सप्लाई का गोरखधंधा करता है। नकली दवाएं दिखने में बिलकुल असली जैसी होती है। इसलिए उनकी पहचान आसान नहीं।

इंदौर केमिस्ट एसोसिएशन के सचिव निर्मल जैन का कहना है कि इंदौर का दवा बाजार प्रदेश के दवा उद्योग का बड़ा उद्योग केंद्र है। यहां कई तरह की दवाएं बिकने के लिए आती है और यहीं से प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के कई हिस्सों में भेजी जाती है। चूंकि इंदौर एक बड़ा बिजनेस सेंटर है, ऐसे में गुणवत्ता को लेकर भी सवाल उठाए जाते हैं। दवाओं को लेकर हम खासी एहतियात बरतते हैं, लेकिन फिर भी सस्ते-महंगे के चक्कर में निर्णय लेना मुश्किल हो जाता है।

 

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