कहीं नकली बच्चे तो पैदा नहीं कर रहा पीजीआई का फार्मेेसी कॉलेज

रोहतक: पीजीआई हेल्थ यूनिवर्सिटी के अंतर्गत फार्मेसी कॉलेज से बड़ी संख्या में उत्तर पुस्तिका 60 हजार से एक लाख रुपए में बेचे जाने का गोरखधंधा उजागर हुआ है। रोहतक की अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने सेक्टर एक स्थित मकान में छापा मारकर कई सौ उत्तर पुस्तिका समेत दो युवकों को पकड़ा है। इनमें अधिकांश उत्तर पुस्तिकाएं हल की गई हैं। बाकायदा उनपर सील है और विद्यार्थियों के अंगूठे के निशान दर्ज है। कुछेक खाली उत्तर पुस्तिकाएं भी मिली। जैसे ही बात मीडिया में आई, पीजीआई परिसर में हडक़ंप मच गया।
      आरोपियों में कॉलेज का एक कर्मचारी भी बताया गया है। सूत्रों की माने तो इस गोरखधंधे के तार पीजीआई के बड़े अधिकारियों के अलावा फार्मेसी काउंसिल तक जुड़े हैं। पहली नजर में देखने पर हल कई गई उत्तर पुस्तिकाएं वर्ष 2012 की हैं। पुलिस का कहना है कि उत्तर पुस्तिका कांड की कलई खोलने में विद्यार्थियों के अंगूठे के निशान सहायक सिद्ध होंगे। पुलिस ने गुप्ता सूचना के आधार पर बीती रात इस कार्रवाई को अंजाम दिया। पुलिस दोनों आरोपियों को अदालत में पेश कर रिमांड की मांग करेगी।
     बता दें कि पीजीआई में इस तरह के गड़बड़झाले कोई नई बात नहीं है लेकिन हर बार डिपार्टमेंटल कार्रवाई की आड़ लेकर मामलों को रफा-दफा कर दिया जाता है। यदि पुलिस इसकी तह में जाकर गंभीरता से जांच को आगे बढ़ाएगी तो कई चौकाने वाले नाम सामने आ सकते हैं। पुलिस के मुताबिक, करीब 346 हल की गई और 31 खाली उत्तर पुस्तिकाएं शामिल है। इस बारे में फार्मेसी कॉलेज के प्रिंसिपल एवं विभागाध्यक्ष गजेंद्र सिंह से बात की गई तो पहले उन्होंने पूरे मामले से अनभिज्ञता जताई लेकिन जब उन्हें पुलिस के छापे में उत्तर पुस्तिका के साथ आरोपी पकड़े जाने की बात कही तो वह जानकारी हासिल करने की बात कहकर टाल गए। प्रबंधन की मानें तो अगले एक-दो दिन  में परिणाम घोषित करने की तैयारी थी लेकिन उत्तर पुस्तिकाएं पकड़े जाने से एक बार फिर छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया। मेडीकेयर न्यूज के हाथ ऐसे बहुत से सबूत लगे हैं जिनकी पड़ताल के बाद कई बड़े नामों का खुलासा किया जाएगा। बस थोड़ा इंतजार करें…।
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