दवा विक्रेताओं के उत्पीडऩ का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

लखनऊ। ड्रग लाइसेंस के नवीनीकरण के समाप्त होने के बावजूद रिनिवल के नाम पर दवा विक्रेताओं के उत्पीडऩ पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। गौरतलब है कि 27 अक्टूबर 2017 को ड्रग एंड कॉस्मेटिक रूल्स 1945 में संशोधन कर ड्रग लाइसेंस के नवीनीकरण को समाप्त करते हुये एक अधिसूचना जारी की गई थी। इसमें जहां नवीनीकरण शब्द आए है अथवा नवीनीकरण की प्रक्रिया है, उसे रिमूव कर उसकी जगह रिटेंशन शब्द जोड़ा गया अर्थात अब हर पांच साल बाद केवल फीस जमा कर चालान की मूल कॉपी को अपने पास रखना है। इससे आपके लाइसेंस की अवधि बढ़ती रहे अर्थात नवीनीकरण के लिये जो फॉर्म 19 भरना पड़ता था, उसे भी भारत सरकार ने समाप्त कर दिया था। लेकिन खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश द्वारा उक्त के विरुद्ध नवीनीकरण की प्रक्रिया से भी जटिल प्रक्रिया को अपने पोर्टल पर डाल दिया गया । इसके विरुद्ध रामपुर केमिस्ट ऐसोसिएशन के जिला अध्यक्ष जयदीप कुमार गुप्ता ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद की लखनऊ खंडपीठ में एक रिट याचिका डाली है। उच्च न्यायालय ने इस पर अपना अंतरिम आदेश पारित कर दिया, जिसकी अगली सुनवाई इसी माह में होगी। उक्त आदेश को लेकर उत्तर प्रदेश के दवा विक्रेताओं में खुशी की लहर है।

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