पहली बार पुश सिस्टम से दवा सप्लाई, अब ऑनलाइन मॉनिटरिंग

रायपुर (छग)। स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवाओं की कमी दूर करने की कवायद शुरू कर दी है। प्राइमरी हेल्थ सेंटर से लेकर जिला और मेडिकल कॉलेज में दवाओं के स्टॉक और इलाज की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जा सकेगी। यहां तक कि मरीजों को दी जाने वाली दवा, उनकी बीमारी और इलाज करने वाले डॉक्टर का भी डाटा हेल्थ डिपार्टमेंट के पास उपलब्ध रहेगा। मुख्यालय में बैठा कोई भी अधिकारी इसे देख सकेगा। इससे अस्पतालों में दवाओं का स्टॉक पूर्व निर्धारित बफर से काम होने से पहले ही नया स्टॉक पहुंच जाएगा। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कार्पोरेशन (सीजीएमएससी) ने प्रदेश के सभी 1057 हेल्थ सेंटर्स पर दवाओं के स्टॉक मेंटेन के लिए एक मॉड्यूल तैयार किया है। इससे प्राइमरी हेल्थ सेंटर, कम्युनिटीहेल्थ सेंटर, जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में दवाओं की किल्लत को समाप्त किया जा सकेगा। प्रदेश में दवा खरीदी से लेकर मरीजों तक दवा पहुंचाने का पूरा सिस्टम बदला जा रहा है। पहले से प्रचलित पुल सिस्टम के स्थान पर अब पुश (बैक) सिस्टम को लागू किया जा रहा है। बता दें कि अभी तक अफसरों और सप्लायर्स की मिलीभगत के कारण दवा की डिमांड से लेकर सप्लाई तक के हर चरण में लेट लतीफी और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही है। अब पूरा सिस्टम ऑनलाइन होने के बाद प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी। खास बात यह है कि पहले हेल्थ सेंटर से कम डिमांड देना, दवाओं की कम खरीदी के कारण फिर दवाओं को डिमांड करने और स्थानीय स्तर पर क्रय करने से दवाओं की सप्लाई अस्पतालों को समय पर नहीं हो पाती थी। लोकल परचेज के खेल में बड़ी धांधलियां होती थी। हालांकि, नए सिस्टम में लोकल परचेज पूरी तरह बंद हो जाएगा, क्योंकि हेल्थ सेंटर में दवा समाप्त होने की जानकारी खुद ब खुद वेयर हाउस तक पहुंच जाएगी और साथ ही अगले तीन महीने के दवाओं का स्टॉक भी। लोकल परचेज बंद होने से स्वास्थ्य केंद्रों पर वही दवाएं मिलेंगी जो गुणवत्ता परीक्षण में पास होंगी।

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