स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज को ‘थोथा चना बाजे घणा’ सिद्ध करने पर उतारू पीजीआई

रोहतक (हरियाणा)। प्रतिष्ठित पीजीआईएमएस रोहतक में मरीजों की जान से खिलवाड़ होने का मामला प्रकाश में आया है। यहां ऑपरेशन थिएटर में काम करने वाले मात्र 12वीं पास युवकों को मिलीभगत से टेक्नीशियन की नियुक्ति दी गई है। जबकि नियमानुसार इस पोस्ट के लिए न्यूनतम योग्यता बीएससी उत्तीर्ण होना आवश्यक है। यह खुलासा एक आरटीआई के जरिए हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट डा. राजेंद्र सिंगला ने इस संबंध में आरटीआई लगाई थी। अब इसके जवाब में सामने आया कि पीजीआई के ऑपरेशन थिएटर में दो टेक्नीशियन महिपाल और राहुल बिना योग्यता के डॉक्टरों को सहयोग कर रहे हैं।

गौरतलब है कि आपरेशन के दौरान इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को कीटाणुरहित करने और उन्हें आपरेशन थिएटर की टेबल पर व्यस्थित रखने की जिम्मेदारी टेक्नीशियन की ही होती है। जानकारी की कमी में इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। सर्जरी वाले पेशेंट की मौत के लिए ऐसे ही टेक्नीशियन जिम्मेदार हो सकते हैं। यहां बता दें कि टेक्नीशियन के पदों पर लगे महिपाल और राहुल की डिग्री सीएमजे यूनिवर्सिटी, शिलांग (मेघालय) से ली गई बताई गई है। यहां विचारणीय पहलु यह है कि सीएमजे यूनिवर्सिटी अक्तूबर, 2010 में अस्तित्व में आई। इन दोनों उम्मीदवारों ने यहां से बीएससी जुलाई, 2012 में ही कर ली।

बीएससी की तीन साल अवधि वाली डिग्री इन्होंने दो साल में ही कैसे पूरी कर ली, इसमें काफी झोल है। वहीं, हरियाणा के महानिदेशक (डीजीएचई) ने 4 अक्तूबर, 2013 को जारी निर्देशों में सीएमजे यूनिवर्सिटी, शिलांग (मेघालय) की डिग्री के आधार पर किए गए सभी प्रवेश व नियुक्तियों को रद्द कर दिया था। इसके बावजूद उक्त दोनों की नियुक्ति अभी भी बनी हुई है। इस संबंध में पीजीआई रोहतक के निदेशक डा. रोहताश यादव का कहना है कि आपरेशन थिएटर टेक्नीशियन की योग्यता के बारे में प्रमाणपत्रों की जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा। महिपाल और राहुल दोनों के प्रमाणपत्रों की जांच करने के बाद उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

आरटीआई कार्यकर्ता डॉ सिंगला का कहना है कि वर्ष 2013 में ही DGHE हरियाणा ने स्वास्थ्य विश्वविद्यालय, रोहतक के रजिस्ट्रार को ऐसी सभी नियुक्तियों को रद्द करने के लिए कहा था, उसके बाद भी महिपाल और राहुल कैसे वहां कार्यरत हैं, जांच होनी चहिए। सिंगला ने इस मामले को हरियाणा के स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान मंत्री अनिल विज तथा राज्य सतर्कता के महानिदेशक डॉ केपी सिंह के संज्ञान में लाया है।

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