दवा व्यापारियों के हित में रोड़ा बने ब्यूरोक्रेट्स

लुधियाना/अम्बाला (बृजेन्द्र मल्होत्रा)। नई ड्रग्स पॉलिसी के विरोध में 18 नवम्बर 2019 को सूबे के सेहत मंत्री बीएस संधू व औषधि प्रशासन के साथ हुई बैठक के अभी तक बेनतीजा साबित होने पर 8 मार्च 2020 को लुधियाना में सम्पन्न हुई पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन की राज्य स्तरीय बैठक में सदस्यों के धैर्य का बांध फूटा। अधिकतर पदाधिकारियों ने अपने विचार रखते हुए बताया कि ब्यूरोक्रेसी सरकार को दवा व्यवसाइयों के हितों में लिए जाने वाले जायज निर्णयों के बारे सरकार को दिशाहीन कर रहे है। इससे दवा व्यवसाइयों के व्यापारिक संकट और गहराते जा रहे हैं जो सही नहीं है। अत: बैठक में 7 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जो स्थिति पर नजर रखकर 8 अप्रैल 2020 के बाद की किसी भी तिथि से हड़ताल की घोषणा कर सकती है। इन 30 दिनों की बीच राज्यभर के विधायकों, औषधि प्रशासन, सीएमओ को ज्ञापन दे अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए जिला सत्तर पर राज्य संगठन द्वारा प्रेषित मांगपत्र /ज्ञापन सौंप दवा व्यवसाइयों के हिट में समर्थन जुटाया जाएगा ताकि व्यपारिक समस्याओं का अंत हो सके। गौरतलब है कि 8 अप्रैल 2020 के बाद एफड़ीए भवन खरड़ परिसर सभी जिला पदाधिकारियों की उपस्थिति में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। साथ ही 7 मेम्बरी कमेटी की तरफ से बनाई गई रूपरेखा अनुसार दवा व्यापारियों की समस्याओं के हल के लिए आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके लिए सभी जिलों के पदाधिकारियों ने पीसीए के एक सन्देश पर किसी भी आंदोलन के लिए तैयार हैं। बैठक में सदस्यों के जोश की झलक इस कदर थी कि नवांशहर के जिलाध्यक्ष पुरी ने कहा कि हालांकि उनकी उम्र अधिक है, शरीर से वृद्ध दिखता हूँ, शुगर का मरीज़ हूँ फिर भी भूखहड़ताल में सबसे पहले पहुंचूंगा। जिला जालन्धर के महासचिव चावला ने कहा कि हमें ज्ञापन देने में समय व्यर्थ नहीं करना चाहिए। 25000 दवा व्यापारी इन पर आश्रित करीब 4 परिवार की संख्या को जोड़ दिया जाए तो करीब 10 लाख व्यक्ति दवा व्यवसाय से जुड़े हैं। सरकार को ब्यूरोक्रेसी से अलग बात करो या आज ही हड़ताल एलान करो, सरकार जो आज दवा व्यवसाइयों के नेताओं द्वारा बार-बार समय मांगने पर भी समय नहीं दे रही, 24 घण्टे में सभी तुरन्त समय भी देंगे और समस्याओं का हल भी निकालेंगे।
राज्याध्यक्ष सुरिंदर दुग्गल ने सदन की भावनाओं के मध्यनजर 7 सदस्यीय कमेटी को रूपरेखा बनाने को कहा। वहीं अत्यंत व्यथित हो सदन के ही एक निकटस्थ द्वारा राष्ट्रीय कार्यालय को लिखे उस पत्र का जिक्र किया जिसमें आरोप लगाया कि पीसीए ने 8-9 समानांतर एकाउंट चला रखे हैं। यदि सदन या पूरे राज्य से कोई भी साबित कर दे कि एक के अतिरिक्त कोई अन्य बैंक अकाउंट चल रहा है तो वे उसी पल पीसीए के अध्यक्ष से पद त्याग देंगे। यदि कोई इस समय सदन में ही मात्र दूसरे एकाउंट की जानकारी के सबूत देंगे तो इसी समय पद त्याग देंगे। इस पर सदन में सन्नाटा छा गया। राज्य कोषाध्यक्ष अमरजीत, राज्य महासचिव जीएस चावला ने भी जहाँ सदन में दूसरे अकाउंट की जानकारी सार्वजनिक करने को कहा वहीं राज्य अध्यक्ष को शांत रहने की बात कही। सभी ने दुग्गल व चावला द्वारा संगठन हित में किए जा रहे कार्यों को सराहा और संघर्ष के लिए एकजुटता का अभूतपूर्व सफलता के लिए प्रण भी लिया।

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