लॉकडाउन में भी प्रतिबंधित दवा फेंसेडिल की तस्करी

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में लॉकडाउन की सख्ती के बावजूद प्रतिबंधित नशीली दवा की तस्करी सरहद पार किए जाने के मामले सामने आ रहे हैं। भारत से अवैध रूप से एक प्रतिबंधित दवा फेंसेडिल पुराने चलन के मुताबिक अभी भी बांग्लादेश पहुंच रही है। इस दवा की मांग इतनी ज्यादा है कि लॉकडाउन तोडक़र तस्कर यह दवा बांग्लादेश बॉर्डर तक पहुंचाने का जोखिम उठा रहे हैं। भारत की तरह बांग्लादेश में भी कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। यह बात अलग है कि बांग्लादेश में अभी कोरोना के केस 164 हैं। भारत में लॉकडाउन की तमाम पाबंदियां पार करते हुए प्रतिबंधित फेंसेडिल बांग्लादेश के लोगों को नशे की पूर्ति के लिए तस्करों द्वारा पहुंचाई जा रही है।
भारत में 2016 से प्रतिबंधित इस दवा का कोरोना की लड़ाई से कोई लेना-देना नहीं है। यह दवा खांसी ठीक करने के लिए इस्तेमाल की जाती है। बांग्लादेश के सीमावर्ती इलाकों और दूसरी जगहों पर इस दवा की भारी मांग है। मर्ज ठीक करने के लिए नहीं, बल्कि नशे के लिए इसका इस्तेमाल होता है। भारत में इस दवा की कीमत करीब 155 रुपए बताई गई है, जबकि बांग्लादेश में पहले पांच सौ टका थी, अब 1000-1200 टका तक पहुंच गई है। बीएसएफ के एक अधिकारी के अनुसार, सीमा पार के इलाकों में तो फेंसेडिल की खाली शीशी भी पचास रुपए की बिकती है। कई जगह पर लोग उसमें गर्म पानी डालकर पीते हैं। उन्हें इसी में नशे का अहसास होता है।
भारत में लॉकडाउन के बावजूद फेंसेडिल के तस्कर रोजाना सीमा पर पहुंच रहे हैं। वे इस फिराक में रहते हैं कि उन्हें अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर जहां से मौका मिले, दवा बांग्लादेश पहुंचा दी जाए। पश्चिम बंगाल की जो सीमा बांग्लादेश के साथ लगती है, उसे बीएसएफ वाले दक्षिण बंगाल फ्रंटियर का नाम देते हैं। इस इलाके में सात अप्रैल को 42 हजार रुपये की कीमत की फेंसेडिल, जो 277 शीशी में भरी गई थी, जब्त की गई हैं। पांच अप्रैल को 1450 शीशी, 4 अप्रैल को 397, 3 अप्रैल को 217, 2 अप्रैल को 407 और पहली अप्रैल को 1105 शीशी फेंसेडिल पकड़ी गई। इसी तरह 31 मार्च को 274, 30 को 406, 29 मार्च को 452, 28 को 1160, 26 को 286 और 25 मार्च को फेंसेडिल की 1283 शीशियां जब्त की गई हैं। बांग्लादेश की एक एजेंसी के अनुसार, 2019 में फेंसेडिल की 7,79,214 और 2018 में 7,15,529 शीशी पकड़ी गई थी। यह दवा अब बांग्लादेश के अलावा म्यांमार तक पहुंचने लगी है। चूंकि बांग्लादेश में इस दवा पर अधिक कड़ाई से प्रतिबंध है, इसलिए भारत में इसका निर्माण कर तस्करों द्वारा उसे वहां तक पहुंचाया जाता है। अधिकारी के अनुसार, लॉकडॉउन में भी इसकी सप्लाई बंद नहीं हो पा रही है। 2016 में, भारत ने लगभग 350 फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन (एफडीसी) दवाओं के उत्पादन और विपणन पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें कफ सिरप फेंसेडिल भी शामिल था।

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