क्या भारत में कोविड-19 संक्रमण तीसरे चरण में है? जानें ऐसे ही मिथ औऱ उनकी हकीकत

इन दिनों कोरोना वायरस को लेकर कई तरह के मिथक प्रचलित हो रहे हैं। इन्हें लेकर आम लोगों में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो रही है। क्या है, इन मिथकों की सच्चाई, इस बारे में आपको बता रहा है ‘हिन्दुस्तान’कोरोना : मिथ और सच्चाई

मिथ: भारत में कोविड-19 संक्रमण तीसरे चरण में है।
हकीकत: नहीं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, कोरोना भारत में अभी दूसरे चरण में ही है। अभी यह सामुदायिक प्रसार (कम्यूनिटी स्प्रेड) वाली स्थिति में नहीं पहुंचा है। हां, एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने जरूर कहा है कि कुछ इलाकों में यह तीसरे चरण में पहुंच गया है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि भारत के ज्यादातर हिस्सों में यह अभी दूसरे चरण में है।
मिथ: घर में बना हुआ सेनिटाइजर बहुत असरदार होता है।
हकीकत: अभी तक ऐसा कोई शोध या अध्ययन सामने नहीं आया है, जिसके अनुसार घर में बना हुआ सेनिटाइजर कोरोना वायरस को खत्म करने में बहुत असरदार है। विशेषज्ञों का कहना है कि हाथों को स्वच्छ रखने का सबसे बढ़िया उपाय कम से कम 20 सेकंड तक उन्हें साबुन-पानी से धोना है।
 मिथ: कोविड-19 संक्रमण के लक्षण बच्चों में वयस्कों से अलग होते हैं।
हकीकत: कोविड-19 संक्रमण के लक्षण बच्चों और वयस्कों में एक जैसे ही होते हैं। हालांकि एक बात जरूर सामने आई है कि कुल कोविड-19 मामलों में केवल दो प्रतिशत मामले ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों में देखने को मिले हैं। इन मामलों के तीन प्रतिशत से भी कम मामले गंभीर या नाजुक स्थिति वाले पाए गए हैं। ज्यादातर संक्रमित लक्षण प्रकट होने के एक या दो सप्ताह के अंदर ठीक हो गए।

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