आंखों का गुलाबी हो जाना भी है कोरोना वायरस का लक्षण, आंसू भी फैला सकते हैं संक्रमण – स्टडी

पूरी दुनिया कोरोना वायरस का कहर सह रही है और लॉकडाउन के जरिए इसे और फैलने से रोकने की कोशिश में जुटी है। दुनियाभर में 21 लाख से अधिक संक्रमित हैं और लगभग 1 लाख 45 हजार से ज्यादा मौत के शिकार हो गए हैं। भारत में ही 13 हजार से ज्यादा मामले हैं और 400 से ज्यादा की मौत हो गई है। लॉकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग ने इसे नियंत्रित करने में बहुत मदद की है, लेकिन फिर भी इसके बचाव की जरूरत है। जहां सूखी खांसी, सर्दी और तेज बुखार कोरोना वायरस के मुख्य लक्षण हैं, वहीं कंजक्टिवाइटिस भी शरीर में घातक कोरोना वायरस की उपस्थिति का एक संभावित संकेत हो सकता है। शोधकर्ताओं के मुताबिक खांसी के अलावा कोरोना वायरस आंसू के जरिए फैलता है।

चीन में चाइना थ्री गोरजेस यूनिवर्सिटी के नेत्र विज्ञान विभाग के शोधकर्ता डॉ. लिआंग ने इसका खुलासा किया। डॉ. लिआंग के मुताबिक, कोरोना वायरस पलक पर कंजाक्टिवा परत में हमला कर सकता है और इसे संक्रमित कर सकता है। इसका मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति अपने आंसू भरी आंख को रगड़ता है और फिर दूसरे स्वस्थ व्यक्ति को छूता है तो वह वायरस दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है।

कंजक्टिवाइटिस के दौरान आंख का गुलाबी हो जाना मरीज में इस वायरस की गंभीरता को बता सकता है। जामा आफ्थैल्मालजी में 31 मार्च को ऑनलाइन प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, किसी मरीज में कोरोना वायरस की स्थिति जितनी गंभीर होती है, उतनी ही अधिक संभावना है कि उसे कंजक्टिवाइटिस होगा।

इन निष्कर्षों की वजह से डॉक्टर और नर्स जो आइसोलेशन वार्ड्स में मरीजों की देखभाल कर रहे हैं, उन्हें किसी भी तरह के संक्रमण को रोकने के लिए मास्क, चश्मा, टोपी और दस्ताने सहित सभी प्रकार के सुरक्षात्मक चीजें पहनने के लिए कहा जाता है।

बाल्टीमोर में जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एपिडेमियोलॉजी एंड इंटरनेशनल हेल्थ के प्रो. डॉ. अल्फ्रेड सोमर ने अध्ययन पर एक एडिटोरियल भी लिखा है। डॉ. अल्फ्रेड सोमर के मुताबिक, यह लोगों के लिए एक चेतावनी है कि ये संक्रमण अब और अधिक तेजी से फैल सकता है। इसका मतलब यह है कि यह लोगों के आंसू से फैल रहा है, इसलिए आंखों की जांच करने वाले डॉक्टर या ऐसा कोई भी व्यक्ति जिसे संक्रमित व्यक्ति ने आंखों को रगड़ने के बाद छुआ है, वह भी संक्रमण फैला सकता है।

ऐसे मामलों में अमेरिकन एकेडमी ऑफ ऑप्थल्मोलॉजी के दिशा-निर्देश में कहा गया है कि महामारी के दौरान नियमित रूप से आंखों का टेस्ट नहीं करने की सलाह देते हैं।
www.myupchar.com से जुड़े एम्स के डॉ. अजय मोहन का कहना है कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अभी कोई दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पाया है। इसलिए संपर्क में आने से खुद को बचाना ही संक्रमण से रोकथाम करने का सबसे अच्छा तरीका है। बेहतर होगा कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना वायरस से संक्रमित है तो उसके ज्यादा पास न जाएं। संक्रमित व्यक्ति को या उसके कपड़ों को छू लिया है तो हाथों को कम से कम 20 सेकंड रगड़कर धोएं। बिना हाथों को धोए किसी भी चीज को छूकर अपने मुंह, आंख या नाक को न छुएं।

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