कोरिया की रैपिड किट मानकों पर फिट

Doctor wearing highly protective suit and examining a novel coronavirus covid 19 test tubes in laboratory.

रायपुर।  एमपी सरकार ने दक्षिण कोरिया की कंपनी एसडी बायोसेंसर को 75 हजार किट खरीदी का आर्डर दिया था, जिसमें से 25 हजार किट ही डिलीवरी ली गई है। दरअसल, रैपिड किट को लेकर चल रहे विवाद के बीच सरकार चाहती थी कि कोरियन मेड किट के समुदाय में इस्तेमाल से पहले इसका ट्रायल किया जाए। इसके लिए नीति तैयार की गई। कोरोना संक्रमित मरीज जो अस्पतालों में भर्ती हैं, वे मरीज जो संक्रमित थे और ठीक हो चुके हैं और इनके परिजनों के ब्लड सैंपल लेकर जांच करवाई गई। जानकारी के मुताबिक किट के परिणाम 75-80 प्रतिशत के बीच रहे हैं, जो संतोषजनक हैं। 75 प्रतिशत मरीजों में एंटीबॉडी मिले हैं। यह परिणाम अंतरराष्ट्रीय मानकों पर हैं। इस रिपोर्ट से संतुष्ट होने के बाद सरकार ने इसके इस्तेमाल को जारी रखने का फैसला लिया है। अभी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि सरकार बाकी की 50 हजार किट कब बुलवाएगी, मगर इतना तो तय है कि सर्विलेंस में इस किट का दूसरा कोई विकल्प नहीं है।

रायपुर में अब तक छह कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं, जिनमें से पांच ठीक हो चुके हैं। एक एम्स का अपना स्टाफ है, जिसका इलाज जारी है। ठीक हो चुके मरीजों का रैपिड टेस्ट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इनमें एंटीबॉडी नहीं पाया गया है। राज्य में अब तक सिर्फ 14,987 लोगों की ही जांच हो पाई है। ये वे लोग हैं जो विदेश से आए थे, संदिग्ध थे या फिर पॉजिविट पाए गए मरीजों के परिजन हैं या फिर हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों से हैं। मगर, राज्य की आबादी सवा दो करोड़ है, इसमें यह आंकड़ा बहुत छोटा है। बहुत ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना संभव नहीं है। इसलिए सिंगापुर, दक्षिण कोरिया यहां तक की अमेरिका भी सर्विलेंस के लिए इसी किट पर भरोसा कर रहे हैं। डॉ. धमेंद्र गहवईं, राज्य सर्विलेंस अधिकारी एवं प्रवक्ता, स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि किट सिर्फ और सिर्फ सर्विलेंस के लिए है। विभाग की तरफ से मैं यह भी स्पष्ट करता हूं कि अब तक रैपिड किट का कोई दूसरा विकल्प नहीं है। हमें अब तक जो परिणाम मिले हैं वे संतोषजनक हैं।

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