ओपीडी बंद रहने से लाखों की दवाइयां खराब

चाईबासा। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर ओपीडी सेवाएं बंद कर दी थीं। दो माह से ज्यादा समय से ओपीडी सेवाएं बंद रहने से ग्रामीण इलाकों में बने उप स्वास्थ्य केंद्र नहीं खुले। इस कारण काफी संख्या में जरूरी सरकारी दवाएं एक्सपायर हो गई। टोंटो के स्वास्थ्य उपकेंद्र पालीसाई में बड़ी संख्या में जरूरी दवाएं एक्सपायरी होने का मामला सामने आया है। इनमें एंटीबायोटिक सिरप, सीरिज, आयरन की गोली समेत बड़ी मात्रा में अन्य दवाएं शामिल हैं। इसका खुलासा तब हुआ जब टोंटो का एक व्यक्ति सुबह टहलने के लिए निकला। उसने अपनी फेसबुक वाल पर स्वास्थ्य उपकेंद्र का वीडियो व बर्बाद पड़ी दवाओं का वीडियो बनाकर डाला। उसने स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाते हुए पोस्ट किया, टोंटो प्रखंड के अंतर्गत टोंटो गांव स्थित स्वास्थ्य उप केन्द्र पालीसाई में दवा की बर्बादी का जिम्मेदार कौन है? इन दवाओं को बोरी में भरकर फेंकने की तैयारी की गई है। इन दवाओं में कुछ तो एक्सपायरी एवं कुछ नॉन एक्सपायर दवा भी हैं। इस केंद्र में हमेशा नर्स गायब रहती हैं। लोग दवा मांगते हैं तो दवा नहीं होने की बात करती हैं। इसकी जांच होनी चाहिए। यहां यह भी बता दें कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए सरकार हर साल करोड़ों रुपये की दवाएं खरीदती हैं ताकि गरीब जनता को बाहर से दवा न लेनी पड़े मगर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण महत्वपूर्ण दवाएं बर्बाद होकर फेंकी जा रही हैं।
जब टोंटो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अनूप तिर्की से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहा कि आप लोगों के माध्यम से मुझे अभी यह जानकारी हुई है। कोरोना वायरस के कारण ओपीडी सेवाएं भी बंद थीं। संभवत: इस वजह से दवाएं उपयोग में नहीं आ पाईं और एक्सपायरी हो गई होंगी। संबंधित एएनएम को इस संबंध में जानकारी देनी थी। उसने भी नहीं दी है। वहां जाकर देखने पर ही यह बता पाएंगे कि कितने की दवा उपयोग न होने के कारण बेकार हुई हैं।

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